Chardham Yatra 2022: चारधाम यात्रा में जहा आस्था का सैलाब सर चढ़ कर दिख रहा है। वही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना हज़ारों की तादाद में यात्री चारों धामों में दर्शन को पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा में अब तक 104 यात्रियों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। केदारनाथ यात्रा पर आए चार और तीर्थयात्रियों की शनिवार को मौत हो गई। यात्रा शुरू होने से अब तक 26 दिन की अवधि में 91 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। मौत का प्रमुख कारण हृदयगति रुकना बताया जा रहा है।
उत्तराखंड चारधाम में तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौते केदारनाथ यात्रा में हुई है। शनिवार को जिनकी मौत हुई है, उनमें 64 वर्षीय रताकोंडा शेखर बाबू निवासी लक्ष्मीनारायण, आंध्र प्रदेश, 71 वर्षीय पेमा पाटीदार वार्ड नं 03 अंबिका पाथ, अंगज रेव्न्यू एरिया, मध्य प्रदेश, 62 वर्षीय प्रेमजी रामजी बाई यादव, तेहरसी सीतारामनगर, भरतनगर रोड भावनगर, गुजरात तथा बीरेंद्र सिंह कटारा, कनवर बाद मध्य प्रदेश की मृत्यु हुई है। कुल 48 यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बदलता मौसम श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रहा है। इन मौतों के बाद प्रशासनिक विभागों में खलबली मची है। श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर खुले स्वास्थ्य शिविरों में जांच कराते हुए रुक-रुककर यात्रा करें ताकि उन्हें आराम मिले और सांस न फूले। ऑक्सीजन लेवल 85 से नीचे आने पर दिक्कत महसूस होने लगती है। ऐसा होने पर स्वास्थ्य शिविरों और अस्पतालों से ऑक्सीजन ले लें।