स्वयंभू शिवलिंग श्री मदमहेश्वर जी का समाधि रूप !| Uttarakhand News | Madmaheshwar

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द्वितीय केदार श्रीमद्महेश्वर मंदिर के कपाट मंगलवार सुबह 8 बजे मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्दशी स्वाति नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मंदिर को फूलों से सजाया गया। डोली ने अपने भंडार का निरीक्षण किया और अपने पहले पड़ाव गौंडार के लिए रवाना हुई। Madmaheshwar Dham Kapat Close कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अधिकारी-कर्मचारी, वन विभाग, प्रशासनिक प्रतिनिधि तथा साढ़े तीन सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। सोमवार से ही पूरे मंदिर परिसर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पूजा-अर्चना के पश्चात सुबह सात बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ हुई। बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से मंदिरों के कपाट बंद होने पर शीतकालीन तीर्थस्थलों में दर्शन करने का आह्वान किया। मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल बताया कि इस वर्ष मद्महेश्वर में 22000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कपाट बंद होने के अवसर पर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पूर्व प्रधान वीरसिंह पंवार, सरपंच फतेह सिंह, शिवानंद पंवार, दीपक पंवार, मनीष तिवारी और देवेंद्र पटवाल आदि मौजूद रहे।