उत्तराखंड में ‘दवा’ से बढ़ी मुश्किल अब लैब रिपोर्ट से होगा सबसे बड़ा खुलासा, ये है जानलेवा ‘कफ सिरप’?ये सवाल है जिसने कई राज्यों में बच्चों को हमेशा-हमेशा के लिए गहरी नींद में सुला दिया। Syrup Banned in India दोस्तो दवा जो बीमारी कम करती है – लेकिन जिस दवा ने पूरे देश में मचाया हड़कंप अब उत्तराखंड में इसी दवा ने बढ़ा दी है मुश्किलें, उसी खबर के साथ आया हूं। दोस्तो खबर बेहद संवेदनशील है, अहम है क्योंकि ये खबर ये दवा हमारे बच्चों को पिलाइ जाने वाली वो दवा है जो हर कोई अपने घर में रखता है और जब भी बच्चे को खांसी जुकाम हो तो तुरंत पिलाता है, लेकिन अब थोड़ा सवधान हो जाइये और मेरी इस खबर को अंत तक जरूर देखिएगा कि हो क्या रहा है और इस दवा ने कैसे उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे से लेकर बच्चों के माता-पिता को परेशान किया है। दोस्तो राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में कफ सिरप से बच्चों के मौत का मामला इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। देश के तमाम राज्यों के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भी कफ सिरप को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अलर्ट हो गया है।
दगड़ियो जहां एक ओर आगामी त्योहारी सीजन को लेकर एफडीए की चुनौती बढ़ी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर मेडिकल स्टोर समेत ड्रग्स कंपनियों पर छापेमारी की कार्रवाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, फिलहाल एफडीए बेहतर क्वालिटी के दावों और शुद्ध खाद्य पदार्थ जनता को उपलब्ध हो, इस पर काम कर रहा है. आखिर, क्या है प्रदेश में मौजूदा स्थिति? ये मै आगे आपको सिलसिले वार तरकी से बताने जा रहा हूं गौर कीजिएगा। दोस्तो खाद्य पदार्थों के साथ कफ सिरप की चेकिंग हो रही है। आगामी दीपावली पर्व की तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही हैं। ऐसे में खाद्य पदार्थों की दुकानों पर दीपावली से पहले ही मिठइयों समेत अन्य खाद्य पदार्थों को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, क्योंकि इस पर्व के दौरान बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले भी काफी अधिक देखे जाते हैं। ऐसे में आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने छापेमारी और सैंपल एकत्र करने को लेकर टीमें गठित कर दी हैं। इसी बीच राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में कफ सिरप पीने से बच्चों के मौत का मामला सामने आने के बाद एफडीए की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
दोस्तो नवरात्रों के दौरान कुट्टू के आटे से संबंधित तमाम मामले देखे गए थे। अभी हाल ही में संपन्न हुए नवरात्रों के दौरान कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जिसकी मुख्य वजह यही है कि पहले ही अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दे दिए गए थे कि अपने-अपने फील्ड में औचक निरीक्षण करते रहें। ऐसे में आगामी दीपावली पर्व को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं, ताकि वो रेगुलर मॉनिटरिंग करते रहें। कई राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आये हैं। इसके चलते उत्तराखंड में क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया, जो लगातार औषधि प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की कार्रवाई कर सैंपल एकत्र कर रही है। इसके साथ ही बताया गया कि खाद्य पदार्थों पर निगरानी बनाए रखने को लेकर गढ़वाल और कुमाऊं में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। ताकि त्योहारों के सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोका जा सके। इसी के साथ औषधि की क्वालिटी को बेहतर रखने और उस पर निगरानी किए जाने को लेकर प्रदेश स्तर पर डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर के नेतृत्व में क्विक रिस्पांस टीम गठित की गई है। दोस्तो इसके अलावा आपको बता दूं कि खाद्य पदार्थों की राज्य भर में लगातार सैंपलिंग हो रही है सैंपलिंग के लिए रूटीन टीम के साथ क्विक रिस्पॉंस टीम बनाई गई है। खाद्य पदार्थों की क्वालिटी की लगातार चेकिंग। सब स्टैंडर्ड दवाइयों पर भी है नजर. कफ सिरप की लगातार चेकिंग हो रही है। अब तक खाद्य सुरक्षा विभाग 63 सैंपल ले चुका है।
इसके साथ ही दोस्तो चार सीनियर इंस्पेक्टर को अलग-अलग क्षेत्रों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रदेश में गुणवत्ता युक्त मेडिसिन लोगों को उपलब्ध हों, साथ ही राज्य से बाहर भी अच्छी क्वालिटी के दवाइयां की सप्लाई हों, इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है, क्योंकि उत्तराखंड राज्य को ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग हब कहा जाता है। ऐसे में अगर सब स्टैंडर्ड दवाइयां बाहर जाएंगी, तो उससे राज्य की बदनामी होगी। इसके अलावा दोस्तो आपको ये भी बता दूं कि इस गंभीर मामले में अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि दवाइयों और खाद्य पदार्थों के रॉ मटेरियल से लेकर उत्पाद तक की जांच की जाए। वर्तमान समय में कफ सिरप के 63 सैंपल लिए गए हैं, जिनके सैंपलों की जांच की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के साथ मिलकर 44 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण भी किया है। साथ ही बताया कि ड्रग की छापेमारी के दौरान पिछले साल 33 मुकदमे दर्ज किए गए हैं साथ ही 76 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, तो प्रशासनिक अमला आपना काम कर रहा है दोस्तो, लेकिन क्या आप या आपके बच्चे भी ले रहे हैं वही सिरप? क्या मेडिकल स्टोर से मिल रही राहत की शीशी, बन रही है धीमा ज़हर? राज्य की बड़ी फार्मा लैब रिपोर्ट से अब सच जल्द ही हमारे सामने आयेगा कि कहां किस दवा में है जहर इसके बारे में भी में आपको अपडेट जरूर दुंगा, लेकिन तब तक आप सावधान रहें और अपने और अपने बच्चों को बिना डाक्टर की सलाह की ये जानलेवा कफ सिरव ना पिलाएं।