पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू, हरीश रावत ने धामी पर साधा निशाना…

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हरिद्वार में पंचायत चुनाव को लेकर चुनावी तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर दिखाई देने लगा है जबकि पंचायत चुनाव की तारीख तक अभी पता नही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर चल रही प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेसी नेताओं के उत्पीड़न का भी आरोप सरकार पर लगा दिया है। प्रदेश में लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में मुँह की खा चुकी कांग्रेस अब पंचायत चुनाव में जमीनी स्तर पर वापसी की कोशिश में है। सबसे पहले हरिद्वार पंचायत चुनाव की चुनौतियों से निपटने की कोशिशें की जा रही है।

यहां सबसे ज्यादा जिम्मेदारी हरीश रावत की है,क्योंकि रावत हरिद्वार लोकसभा से सांसद भी रह चुके हैं और अब उनकी बेटी हरिद्वार ग्रामीण से विधायक भी हैं। शायद यही कारण है कि हरिद्वार में पंचायत चुनाव की राज्य चुनाव आयोग द्वारा की जा रही तैयारियों के दौरान ही हरीश रावत ने सरकार पर कई आरोप लगा दिए हैं। हरीश रावत के लगाए आरोप बेहद गंभीर है क्योंकि उन्होंने पंचायत चुनाव में न केवल योग्य उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने का हथकंडा सरकार द्वारा अपनाने का आरोप लगाया है, बल्कि कांग्रेसी नेताओं के उत्पीड़न की भी बात कही है। हरीश रावत ने इस मामले में पहले ही 6 अगस्त को मुख्यमंत्री के आवास पर उपवास करने का भी ऐलान कर दिया है।

हरीश रावत का कहना है कि आरक्षण तय करने की प्रक्रिया से लेकर तमाम दूसरी तैयारियों में विपक्षी दल यानी कांग्रेस के उम्मीदवारों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। सरकार भाजपा के लिहाज से अपने अनुकूल परिस्थितियों को बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री के आवास पर उपवास करने का निर्णय लिया तो सरकार ने भी हरीश रावत के इस फैसले को लेकरअपनी सफाई दी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को संदेश देते हुए कहा कि उन्हें उपवास पर बैठने की कोई आवश्यकता नहीं है यदि उन्हें किसी भी तरह की कोई आपत्ति है तो वह उनको बता सकते हैं।