उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी के अस्तित्व पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। झील ने यमुनोत्री के बड़े पड़ाव को अपने आगोश में ले लिया है। Uttarkashi Syanachatti Lake हालांकि आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया है कि स्यानाचट्टी में झील नहीं बनी है। कुपड़ा खड़ के कारण जो मालवा यमुना के मुहाने पर आया, उससे पीछे वाले हिस्से में आईबीएम (रिवर बीट मटेरियल) एकत्रित हो गया है, जो करीब 20 से 25 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गया। ऐसे में आर बी एम को हटाने की कार्रवाई लगातार चल रही है लेकिन जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे काफी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि जब नदी का जलस्तर थोड़ा कम होगा उसके बाद आरबीएम को पूरा हटा लिया जाएगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या स्यानाचट्टी का अस्तित्व बच पाएगा, यदि पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ तो 15 से 20 गांव का कनेक्शन मुख्य बाजार बड़कोट से कट जाएगा।