देहरादून: उत्तराखंड में सार्वजनिक परिवहन के किराया बढ़ने की खबर ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। प्रदेश में रोडवेज बस, ट्रक, टैक्सी, मैक्सी, विक्रम, ऑटो, ई-रिक्शा, एंबुलेंस, निजी बस, ठेका बस के किराये की नई दरें लागू हो चुकी हैं, लेकिन परिवहन मंत्री चंदन रामदास अभी फाइल के इंतजार में है। परिवहन मंत्री ने साफ किया कि अभी केवल सिफारिश की गई है। किराया बढ़ाए जाने को लेकर शासन स्तर पर निर्णय होना बाकी है। उनका कहना है कि एसटीए उन्हें जो प्रस्ताव देगा, उस पर वह और मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे।
परिवहन मंत्री से सबसे पहले किराया बढ़ाए जाने को लेकर सवाल पूछा तो परिवहन मंत्री ने मीडिया के माध्यम से ही किराया बढ़ने की खबरों की जानकारी आने की बात कही। हैरानी की बात ये है कि परिवहन मंत्री ने प्रदेश में परिवहन किराया बढ़ने पर फिलहाल जो सूचनाएं आ रही हैं, उसे अप्रत्यक्ष तौर से गलत बताया। लेकिन उधर, नई दरों के हिसाब किराया वसूली शनिवार से शुरू हो गई है। परिवहन मंत्री ने कहा स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से अभी किराया बढ़ाने के लिए सिफारिश की गई है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बाद इस सिफारिश पर विभागीय सचिव से लेकर मंत्रालय तक में चिंतन होगा। उसके बाद ही इस पर कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।
राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक के बाद किराए पर निर्णय लिया गया था। एसटीए ने शुक्रवार को सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों, निजी बसों, ट्रकों और भार वाहनों के लिए किराए की दरें तय की थीं। इसके अलावा ई-रिक्शा, किराये पर चलने वाली बाइक-स्कूटी और एंबुलेंस के लिए पहली बार किराया निर्धारित किया गया था। शनिवार से ही सभी जगहों पर बढ़ी हुई दरों पर किराया वसूली शुरू हो गई।उधर, परिवहन मंत्री चंदन रामदास इस बढ़ोतरी से अनजान हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों से ही किराया बढ़ोतरी की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि अभी एसटीए को पूरा अध्ययन करने के बाद किराये की दरें प्रस्तावित करने का अधिकार है। एसटीए का प्रस्ताव शासन में आएगा।