सच निकली Harak Singh Rawat के घोटाले की बात.. | Uttarakhand News | PM Awas Yojna Ghotala

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जी हां दोस्तो क्या उत्तराखंड में PM आवास योजना में बड़ा घोटाला हो गया, जब आरोप लगे तो अब MDDA मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण बुलडोजर चलाने की तैयारी में जुट गया। PM Housing Scheme Scam दगड़ियो ये हेरान करने दे वला माला है, जहां उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है। सरकारी योजना के तहत गरीबों को घर देने की मंशा को कुछ बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत ने चूना लगा दिया। अब जब मामला खुला, तो मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) भी हरकत में आ गया है। एक के बाद एक खुलासों के बाद, MDDA ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने और जमीन सीज करने के आदेश दे दिए हैं। दरअसल दगड़ियो, पहले आप हरक सिंह रावत के उस बयान को जिसने प्रदेश में हो रहे महाघोटाले को लेकर सवाल उठाए।

दोस्तो इस पूरे मामले को उजागर करने में सबसे अहम भूमिका निभाई है पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने इस बयान के जरिए। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि जिस योजना को उन्होंने गरीबों के लिए मंजूर किया था, वही योजना अब भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई है, तब हरक सिंह के मुताबिक, उनकी मंत्री रहते हुए देहरादून के चालंग गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब वहां गरीबों के घर नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी कॉलोनियां खड़ी हो रही हैं। प्लॉटिंग हो रही है, फ्लैट बेचे जा रहे हैं और सरकारी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। वैसे ये आजकल हरक सिंह रावत जो कह रहे हैं वो बात सच भी सबित ह हो रही है। हरक सिंह के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए MDDA ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। सबसे पहले चालंग गांव में हो रहे अवैध निर्माण और प्लॉटिंग पर ध्वस्तीकरण और सीलिंग के आदेश दिए गए। खसरा नंबर 744 ख पर नक्शा पास हुआ था, लेकिन ना तो लेबर सेस जमा हुआ और ना ही विकास अनुबंध संपादित किया गया, ना अग्निशमन विभाग की अनुमति ली गई, ना पर्यावरण विभाग की एनओसी निजी स्वामी ने सरकारी जमीन को ही कई हिस्सों में बेच दिया।

दगड़ियो इस पूरे खेल में जब सच्चाई सामने आई, तो MDDA ने तुरंत मानचित्र स्वीकृति निरस्त कर दी और इलाके में निर्माण पर पूरी तरह रोक लगा दी, इतना ही नहीं मामले की जांच के बाद खुलासा हुआ कि प्रोजेक्ट की ज़मीन में सरकारी भूमि भी शामिल है। यानी जिन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने थे, उनकी जगह रियल एस्टेट डीलिंग चल रही थी। गजब हो रहा है प्रदेश में साहब, इधर अब MDDA के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने साफ शब्दों में कहते दिखाई देते हैं कि अवैध निर्माण और प्लॉटिंग पर फौरन ध्वस्तीकरण किया जाएगा, इसके साथ ही बड़े निर्माणों को सील करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब ये सब कुछ इतने बड़े स्तर पर हो रहा था, तो प्राधिकरण और शासन के नुमाइंदे चुप क्यों थे? क्या यह सिर्फ लापरवाही थी या एक संगठित घोटाला? बिल्डर ने सारे नियमों को ताक पर रखकर सरकारी योजना का इस्तेमाल कमाई के जरिये के रूप में किया। दोस्तो इतने बड़े घोटाले की बू आ रही है तो क्या अधिकारियों ने नज़रअंदाज़ किया या जानबूझकर आंखें मूंदी रखीं थी और जनता – जो इन योजनाओं के लिए ख्वाब बुनती है – वो ठगी जाती रही। दोस्तो एक बात ये भी सच है कि MDDA की कार्रवाई शुरुआत भर है। अगर इस मामले की गहराई से जांच की जाए तो इसमें कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। हरक सिंह रावत ने जिस तरह से इसे ‘बड़ा घोटाला’ कहा है, वह जांच एजेंसियों के लिए सीधा संदेश है – अब समय है कार्रवाई का प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे जन-हितकारी प्रोजेक्ट की साख को अगर इस तरह से नुकसान पहुंचाया जाएगा, तो इसका असर सबसे ज्यादा उन लोगों पर पड़ेगा, जो वास्तव में आवास के हकदार हैं।