छापे में खुल गई अधिकारियों की पोल! | Haldwani | Uttarakhand News | Tension In Haldwani

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जी हां दोस्तो उत्तराखंड में अलग अलग विभागों का हाल क्या है, कैसे बड़े-बड़े कार्यलयों में खेल है। ये किसी से छिपा नहीं है, लेकिन यहां जब पड़ा अचानक से छापा। कैसे हिल गए बड़े अधिकारी और फिर लापरवाही पर हुआ ऐसा खुलासा कि लोग भी दंग रहे गए और अधिकारीओँ की खुल गई पोल। दोस्तो उत्तराखंड में प्रशासनिक व्यवस्था ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हल्द्वानी में तहसील कार्यालय में अचानक हुई औचक जांच ने बड़े अधिकारियों की पोल खोल दी। छापे में सामने आई लापरवाही ने सभी को दंग कर दिया और डीएम ने मौके पर ही जमकर फटकार लगाई आगे मै आपको बताउंग कि तहसील में क्या-क्या खुलासा हुआ और अधिकारियों की यृे अनियमितता किस हद तक गंभीर मानी जा रही है। दोस्तो ये सख्ती से पेश आ रहे सखस कोई और नहीं हैं ये डीएम साहब हैं नाम है ललित मोहन रयाल, अब आप देखिए इनकी स्खती का कर्ण क्या है। दरअसल दोस्तो  नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील में सोमवार 29 दिसंबर की सुबह अचानक जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल की औचक छापेमारी ने तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा दिया।

डीएम ने निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाईं, जिनमें सबसे गंभीर थी न्यायालय से संबंधित फाइलों का कार्य दो निजी युवकों द्वारा किया जाना, जो कि अत्यंत गोपनीय श्रेणी के दस्तावेजों में शामिल था। दोस्तो जिलाधिकारी ने मौके पर ही अपनी नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्रार कानूनगो और तहसीलदार को तलब किया और जमकर फटकार लगाई।डीएम ने सवाल उठाया कि यदि इसी प्रकार की व्यवस्थाएं चलती रही तो सिस्टम में सुधार कैसे संभव होगा। इस औचक निरीक्षण में तहसील परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया और उपस्थित अधिकारी दंग रह गए। दोस्तो इतनी गंभीर लापरवाही के मद्देनजर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी विवेक राय को पूरे मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा। डीएम ने स्पष्ट किया कि, इस तरह की अनियमितताओं के कारण फर्जी प्रमाण पत्र और भूमि विवाद जैसे गंभीर मामले सामने आते हैं। उन्होंने तहसील प्रशासन को निर्देश दिए कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। दोस्तो आपको बता दूं डीएम ने यह भी कहा कि गोपनीय फाइलों का काम केवल सक्षम और प्रमाणित अधिकारियों द्वारा ही होना चाहिए।

निजी व्यक्तियों के हाथों में ऐसे संवेदनशील दस्तावेजों का काम देना प्रशासनिक लापरवाही की सबसे बड़ी मिसाल है। इस पर तुरंत कार्रवाई करने और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए गए हैं। दोस्तो डीएम के इस छापे के बाद तहसील प्रशासन में अफरातफरी मची रही और आम लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या निजी युवकों के हाथों में तहसील का काम चल रहा है? क्या यही लोग सारे प्रमाण पत्र और भूमि-संबंधित मामलों का निपटारा कर रहे हैं? लोगों का मानना है कि यदि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी न हो, तो आम जनता के अधिकारों पर भी खतरा पैदा हो सकता है। दोस्तो, डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी खामियों को ठीक करने और सिस्टम सुधारने के लिए आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाएं। इस औचक निरीक्षण ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक व्यवस्था में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तहसील प्रशासन की यह समीक्षा सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने का एक सख्त संदेश भी है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद हल्द्वानी तहसील में हड़कंप मचा हुआ है और सभी अधिकारी अब अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाने के लिए सतर्क हैं। अधिकारियों और डीएम के निर्देशों के अनुसार, आने वाले दिनों में पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया और भी स्पष्ट होगी।