क्या देवभूमि को बदनाम करने की साजिश रचि जा रही है? क्या देवभूमि को आध्यात्मिक होना महंगा पड़ रहा है? जी हा दोस्तो क्या उत्तराखंड में जितने भी साधु-संत मेरे आपके आसपास रहते हैं घुमते फिरते हैं, योग, तपस्या करते हैं, उनमें कितने फर्जी बाबा हैं। Operation Kalanemi In Uttarakhand ऐसा ही एक मामला सामने आया है। उत्तराखंड में आपको अगर मुख्यमंत्री..मंत्री बनना है, तो आपको वोट की नहीं आशिर्वाद की जरूत है। आशिर्वाद इन महासय का जो भगवा धारण किए हुए और सनातन के नाम पर दुकान चलाते हैं। इनका आशर्वाद इतना दम है सीधे आदमी सीधे मुख्यमंत्री बनता है। मंत्री बनता है, अब ये तो फिलहाल पड़क में आ गया है, लेकिन इसके अलावा भी कई और लोग भी होंगे जो सीधे प्रधानमंत्री बनने का आशिर्वाद देते हों। दोस्तो उनका पड़का जाना भी जरूरी है। ये क्या ये पोस्टर देखिए, लिखा है …ओम नमो शिवाय, जय हनुमान” (शिव को नमस्कार, हनुमान ती जय, शुरूआत में शिव और हनुमान जी का जिक्र फिर आगे देखिए। कैसे ये शख्स भगवा चौला ओड़ मुख्यमंत्री.. मंत्री बनाने का दावा कर रहा है। पोस्टर देखिए, समझिए … ये डिफेंस कॉलोनी के पास, प्राचीन शिव खेड़ा मंदिर के गेट नंबर 2 के पास “श्री गार्ब पिचास बालक देवता की गद्दी” (श्री गार्ब पिचास बालक देवता की आध्यात्मिक सीट / मंदिर की उपस्थिति की घोषणा करता है।
इसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक किसी भी सांसद या विधायक से आग्रह किया गया है कि वे तुरंत “श्री गर्भ पिचास बालक देवता” से आशीर्वाद लें। इतना ही नहीं इसमें आगे वादा किया गया है कि जो भी अन्य विधायक आशीर्वाद मांगेगा, उसे कैबिनेट या राज्य मंत्री बनाया जाएगा। इस बैनर बकायदा पता दिया गया है। फोन नंबर दिया गया है। नाम लिखा है। ये बैनर “आपका शुभचिंतक मदन सिंह सामंत” द्वारा लगाया गया है, जिन्हें “श्री गर्भ पिचास बालक देवता” के धामी। अरे महाराज धामीजी प्रदेश में सरकार भी धामी जी की है, और धामीजी कि योजना कालनेमि का नतिजा है कि आज पुलिस इस फर्जी भगवा धारी तक पहुंची है। दोस्तो धामी का मतलब पुजारी या संरक्षक होता है। यहां तो असली धामी ने नकली धामी को पकड़़ जेल में ठूंस दिया। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री मंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत तो कर्रवाई हो रही है। वैसे जब से इस ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत हुई है तब से कई ऐसे ही फर्जी और ढोंगी लोगों को पुलिस पकड़ चुकी है। सलाखों के पीछे भेज चुकी है। दून पुलिस ने कई लोगों को हाल में गिरफ्तार किया तो इन ढोंगी बाबाओं असलियत सामने आ गई। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक निकला। जो बाबा का भेष धरकर लोगों को ठगने का काम कर रहा था।
अब जब गिरफ्तारी हुई तो देखिए दोस्तों कैसे चौकाने वाले बात सामने आई। पुलिस के कुताबिक 25 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी हुई। इसमें से 20 से अधिक अन्य राज्यों से हैं। उनका अपने उत्तराखंड से कोई लेना देना ही नहीं है, और जबकि एक व्यक्ति बांग्लादेश का नागरिक निकला। रूकन रकम उर्फ शाह आलम, उम्र 26 वर्ष, जिला टंगाईल, ढाका से भारत आया था और बाबा बनकर लोगों को ठग रहा था। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है और एलआईयू व आईबी की टीमें उससे गहन पूछताछ कर रही हैं। अब तो लोग धर्म का चोला ओड़ लोगो को भ्रमित कर रहे हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड कर ठगी करने का काम करते हैं ऐसे ढोंगी बाबाओ को चिन्हित कर उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। दोस्तो बता दू कि उत्तराखंड सरकार ने हाल के वर्षों में लगातार बढ़ रहे ढोंगी साधु संतों के गिरोह और उनके अपराधों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया। ये लोग धार्मिक भेष में जनता, खासकर महिलाओं और युवाओं को बहला फुसलाकर धोखाधड़ी, ठगी और यहां तक कि वशीकरण जैसे झूठे दावों में फंसाकर उनका शोषण करते है। अब पुलिस ऐसे लोगों की तलाश कर रही है, उनकी गिरफ्तारी कर रही है।
वैसे आपने ये देखा होगा, कि कई लोग सड़क किनारे बाबा के वेश में बैठे रहते हैं, और राहगीरों को मंत्र-तंत्र, ग्रह-नक्षत्र और भाग्य बदलने की बातें बता रहे होतें हैं। यकिन मानिये ये सब फर्जी हैं..ढोंगी बाबा हैं। जब इन बाबा रूपी संतों से आप सनातन को लेकर एक दो सवाल कीजिएगा तो इनकी पोल खुल जाएगी। पूछताछ में ये न तो अपने दावे सिद्ध कर पाते हैं और न ही कोई धार्मिक ज्ञान या प्रमाण दे पाते हैं। वैसे भी सच है दगड़ियो ये लोग अपने उत्तराखंड के नहीं होते। ऐसे में सावल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का साथ-साथ। कानून व्यवस्था का उठता है। अब एक रुकन रकम उर्फ शाह आलम नाम का बांग्लादेशी नागरिक। जिसकी उम्र 26 साल है ये कैसे भारत में रह रहा था क्यों रह रहा था, और क्यों इसन अपने साधु-संतों का चोला..यानि भगवा ओढा था, ये कौन जानता है। हांलाकि अब पुलिस के शिकंजे में पता चल जाएगा। लेकिन ऐसे न जाने कितने और होंगे। जिनका पकड़ा जाना भी बेहद जरूरी है दोस्तो। ताकि हमारी भावनाओं को ठेस ना पहुंचे, और कानून व्यवस्था पर भी कभी कोई आंच ना आए।