उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने LUCC चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड में इस LUCC नामक चिटफंड कंपनी ने 92 करोड़ के करीब घोटाला कर इसके लोग देश छोड़कर भाग गए जिसमें उत्तराखंड के हजारों लोगों का पैसा लगा था। LUCC Chit Fund Scam इसको लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात की दोषी है कि सरकार इन्वेस्टर्स के पैसे को संरक्षित रखने ने सफल नहीं हुई। सरकार कोई भी जांच कराए लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से ये आश्वासन देना चाहिए कि जिन जिन लोगों का पैसा लगा है सरकार उनका पैसा वापस लाएगी। गणेश गोदियाल , पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस तो सुना आपने हर कोई सरकार से यही चाहता है कि पैसा वापस आ जाय, लेकिन आएगा कैसे, वैसे सरकार ने कह दिया कि मामले की सीबीआई जांच होगी। लेकिन सवाल वहीं कांग्रेस वाला क्या पैसा वापस आयेगा। दरअसल दोस्तो उत्तराखण्ड में LUCC यानी लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी। चिट फंड कंपनी ने बड़ा फ्रॉड किया है। प्रदेश में लगभग 92 करोड़ रुपए ठग कर यह कंपनी भाग चुकी है।
इस मामले में उत्तराखंड के सांसदों ने गढ़वाल लोकसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह इस प्रतिनिधि मंडल में मौजूद रही, और मामले में सख्त कार्रवाई करने का निवेदन किया गया। वैसे इस कंपनी के प्रमोटर विदेश भाग चुके हैं और ऐसे में उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी होना चाहिए। लेकिन विपक्षी का कहना है कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, और सरकार के संरक्षण में यह घोटाला होता रहा, जब अति हो गई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसमें सीबीआई जांच की मांग की। उसके बावजूद प्रदेश के सांसद गृहमंत्री अमित शाह से इंटरपोल की मदद की बात कर रहे है। जिससे यह दर्शाता है कि राज्य के मुख्यमंत्री और सांसदों का आपस में कोई तालमेल नही है। ये अब विपक्ष के इन आरोपों में कितनी सच्चाी है वो तो बीजेपी वाले जाने, लेकिन मसला गंभीर है। लोगों के करोड़ो लेकर फरार हुई कंपनिी और उसके परमोटर, जिनका पकड़ा जाना बेहद जरूरी है।