पेपर लीक सिर्फ स्कैम नहीं तो क्या सत्ता की साजिश है, हरक सिंह रावत के अब नए बयान बने बीजेपी के लिए परेशानी बढ़ा दी है। Harak Singh Paper Leak Case UKSSSC परीक्षा में हुए पेपर लीक घोटाले ने न सिर्फ युवाओं के सपनों पर पानी फेरा है, बल्कि अब यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति के केंद्र में आ गया है और उस पर हरक सिंह रावत का बयान जो सरकार और बीजेपी के साथ ही आयोग के लिए सिरदर्द बन रहा है। बताने जा रहां हरक सिंहर रावत के उस नये बयान के बारे में जिसकी चर्चा सियासी गलियारे से सड़क तक खूब हो रही है। दोस्तो एक तरफ प्रदेश से लेकर देश में उत्तराखंड में पेपर लीक कांड की चर्चा जौरो पर हैं। वहीं अब हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का हर कोना प्रदर्शन की आग में जल रहा है और 2027 में बीजेपी का “सूपड़ा साफ” होना तय है। क्या सच में पेपर लीक के पीछे सत्ता से जुड़े चेहरों की भूमिका है?क्या युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर यह भी एक चुनावी मुद्दा बनकर रह जाएगा? दगड़ियो उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर उबाल देखने को मिल रहा है, और इस बार कारण बना है राज्य में हो रहे पेपर लीक घोटाले।
पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ. हरक सिंह रावत ने इस मुद्दे परपर बड़ा हमला बोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में जो पेपर लीक हुआ, उसमें केवल अधिकारियों की ही नहीं बल्कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं की भी मिलीभगत है। दोस्तो हरक सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड का हर जिला, हर गांव और हर शहर प्रदर्शन की आग में जल रहा है। छात्र, शिक्षक, महिलाएं और आम जनता सड़कों पर हैं। जनता में आक्रोश है और यह संकेत दे रहा है कि 2027 में भाजपा का “सूपड़ा साफ” होना तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब न सिर्फ “वोट चोर” बल्कि “पेपर चोर” पार्टी के रूप में भी बदनाम हो रही है। दोस्तो हरक सिंह रावत ने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे हाकम सिंह जैसे पेपर माफिया बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं। कोचिंग में भारी फीस देकर सालों की मेहनत करने वाले युवाओं के लिए यह व्यवस्था एक मजाक बनकर रह गई है। उनका कहना था कि जो हालात इस वक्त उत्तराखंड में बने हैं, उनसे साफ है कि भाजपा की सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है।
दोस्तो रावत ने न केवल पेपर लीक पर भाजपा को घेरा, बल्कि अपने राजनीतिक कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों की भी याद दिलाई। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले की स्थापना करवाई, तहसीलें बनवाईं और सैनिक स्कूल की घोषणा की, पर आज तक उस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राजनीति में अभी “कच्चे खिलाड़ी” हैं, और उनका ध्यान केवल कमाई पर केंद्रित है, न कि जनसेवा पर। खैर ये तो थोड़ा अलग हो गया। लेकिन इस दौरान एक बड़ा बयान भी हरक सिंह रावत ने दिया की अगर पार्टी चाहे तो वे 2027 में रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उनका दावा है कि जब भी उन्होंने किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, तो उनका मुकाबला करने वाला प्रत्याशी या तो राजनीति से बाहर हो गया या फिर दुनिया से ही विदा हो गया। ये उनका आत्मविश्वास है, जिसे वे इतिहास का हवाला देकर सही साबित करने की बात कर रहे हैं, लेकिन दोस्तो इधर हरक सिंह रावत केबयान की बात कर रहा हूं उधर बेरोजगार संघ की देहरादून में सीएम से मुलाकत हुई उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है।
इस दौरान उन्होंने बेरोजगार संघ की ओर से कई बिंदुओं को लेकर मुख्यमंत्री से ठोस पहल किए जाने की मांग की। आपको बता दें कि यूके ट्रिपल एससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। आयोग के अध्यक्ष और सभी कर्मचारियों की जांच और पेपर दोबारा कराए जाने की मांग को लेकर बेरोजगार संघ के युवा देहरादून के परेड ग्राउंड में धरने पर बैठे हैं। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष का कहना है कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा जब तक मुख्यमंत्री उनकी मांगों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले लेते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही बेरोजगार संघ की मांगों पर निर्णय ले लिया जाएगा, तो इस मामले में कोई ठोस बात निकल कर इस मुलाकात में सामने नहीं आया तो वो सवालों का सिलसिला अभी भी बरकरार है। उधर पेपर लीक होने पर पूरे जाल का कटना जरूरी है, तो इधर इस मामले पर सियासत भी खूब हो रही है जहां बीजेपी इस पूरे मामले को लेकर डिफेंसिव हो रही है। उधर कांग्रेस काफी आक्रमाक है और संघ वालों के हाथ भी खाली हैं।