किसकी शह पर हो रहा है ‘Paper Leak’ | UKSSSC | Hakam Singh Rawat | Uttarakhand News | Dehradun News

Share

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले ने फिर एक बार तहलका मचा दिया है, विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर हाकम सिंह को लेकर उठ रहे संरक्षण के आरोप चर्चा में हैं। UKSSSC paper leak case क्या सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है? या फिर पेपर लीक के पीछे छुपा है कोई बड़ा खेल? आज क्या बल सच, इस खेल का मास्टर मांड कभी पकड़ा जाएगा। उत्तराखंड में पेपर लीक अब नासूर बन चुका है। एक हाकम सिंह जो जेल गया फिर जमानत मिल गई, फिर बाहर आया और हो गया पेपर लीक। क्या हाकम सिंह एक मात्र खिलाड़ी है इस खेल का या इसका कप्तान कोई और कोच कोई और है। ये सवाल इस लिए है क्योंकि इससे पहले जब पेपर लीक हुआ था तब हाकम सिंह गिरफ्तारी होती है, वो बीजेपी का नेता रहा है उसका एक रिजॉर्ट तब खूब चर्चा में था। कौन-कौन ठरहता था बल रिजॉर्ट में बीजेपी के ही कई बड़े नेता। ये सवाल इस लिए है क्योंकि बेरोजगार संघ ने अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करना की मांग की है तो विपक्ष का साथ मिल रहा है।

दोस्तो थोड़ा पीछे चलिए त्तराखंड में पहली बार वर्ष 2022 में सामने आए भर्ती परीक्षाओं में नकल कांड ने राज्य की राजनीति और नौकरशाही को झकझोर कर रख दिया था। इस कांड से जो सबसे चर्चित नाम सामने आया, वह था हाकम सिंह का। दगड़ियो पेपर लीक मामले में हाकम सिंह का नाम आया तो एक-एक कर उसके काले कारनामे भी सामने आने लगे, तब पता चलता है कि उसका जो आलीशान रिजॉर्ट सांकरी में बना है, उसके लिए उसने 85 फीसदी सरकारी भूमि कब्जाई, लेकिन क्या डील की शुरूआत उसी रिजॉर्ट से हुई। क्योंकि अब तो रिजॉर्ट नहीं रहा लेकिन तब वहां जो लोग जाते थे ठहरते थे। वो बीजेपी वाले  वो भी इस खेल में साथ हैं। दस्तो राजनीति, कारोबार और बाहुबल की तिकड़ी पर वर्षों तक अपनी पकड़ बनाए रखने वाला हाकम सिंह अचानक ही उत्तराखंड में नकल माफिया के रूप में कुख्यात हो गया था।

सत्ता से नजदीकी, सरकारी मशीनरी पर पकड़ और पैसे की ताकत के बल पर उसका सफर बिना ब्रेक की गाड़ी की तरह सालों तक सरपट भागता रहा और असल ईमानदार लोग युवा ठगे जाते रहे और आज भी ठगे जा रहे हैं लेकिन, सबसे बड़े नकल कांड में हाकम सिंह पूरे गिरोह के साथ 13 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया, फिर वो जमानत पर बाहर आया और अब फिर एक और पेपर लीक फिर गिरफ्तारी हो गई लेकिन क्या सिर्फ एक ये ही खिलाड़ी है और जो लोग हैं उनतक क्यों पुलिस नहीं पहुंच जा रही है। अब विपक्ष सरकार पर तगड़े तरीके से बरस रहा है। तो सवाल अब सिर्फ पेपर लीक का नहीं है, सवाल ये है कि आखिर पुलिस हाकम सिंह से आगे क्यों नहीं बढ़ पा रही? वो बड़े अधिकारी कौन हैं जिनके नाम सामने नहीं आ रहे? वो सफेदपोश कौन हैं जिनकी परछाइयों में ये साज़िश फल-फूल रही है? क्या सच में अकेला हाकम सिंह इतनी बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दे सकता है? या फिर कोई है, जो उसे संरक्षण दे रहा है — सत्ता के गलियारों से लेकर सिस्टम के भीतर तक? जवाब अभी भी अधूरे हैं और जब तक सच सामने नहीं आता, तब तक ये सवाल यूँ ही जलते रहेंगे।