उत्तराखंड की छात्र राजनीति में छाई ‘फ्री’ की सियासत, इस तरह नैया पार लगाने की कोशिश

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Student union elections: उत्तराखंड की छात्र राजनीति इस दिनों पूरी तरह से गर्मा गई है। डिग्री कॉलेजों में छात्र संघ चुनावों को लेकर जबरदस्त उत्साह है। ऐेसे में छात्र संगठन भी छात्रों को लुभाने के लिए हर प्रकार की रणनीति अपना रहे हैं। जिसमें चुनावी वायदे भी शामिल हैं। हर तरफ कर रहे हैं। सबसे पहले एनएसयूआई ने फ्री पार्किंग, कैंपस में वाईफाई, नई बसों में पास, हॉस्टल की सुविधा शुरू करने समेत कई वायदे किए हैं। इसके बाद एबीवीपी ने फ्री बस का वादा किया है। एबीवीपी ने संकल्प पत्र जारी किया है।

उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव का शोर चरम पर है। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमा छात्र संघ चुनाव को लेकर अलर्ट हो गया है। प्रदेश के सभी 119 डिग्री कॉलेजों में 24 दिसंबर को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होंगे और उसी दिन मतगणना होगी। ऐसे में चुनाव से पहले कॉलेजों में छात्र संगठनों ने पूरा जोर लगा दिया है। सबसे ज्यादा लड़ाई डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच है। दोनों के सामने अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने का एक ही मौका है।

इससे पहले हुए 2019 के चुनाव में निर्दलीय गुट ने बाजी मारी थी। जो कि एबीवीपी का बागी गुट था। ऐसे में एनएसयूआई जहां कई सालों का वनवास खत्म करना चाहता है तो एबीवीपी अपना खोया किला वापस पाना चाहेगा। इसको लेकर एबीवीपी ने पहले संकल्य यात्रा और अब संकल्प पत्र जारी किया है। जिसमें छात्रों के लिए फ्री बस का चुनावी वादा किया है। एनएसयूआई का दावा है कि इस बार कोरोना के 2 साल बाद डिग्री कॉलेज में चुनाव हो रहे हैं और जिस तरह से कोरोना काल में एनएसयूआई ने छात्रों की सहायता की है उसकी वजह से छात्रों का रुझान एबीवीपी की ओर न जाकर एनएसयूआई की ओर है।