देहरादून: उत्तराखंड खाद्य विभाग की मुहिम अब रंग लाती दिखाई दे रही है। प्रदेश में अपात्र लोगों को योजना के लाभ से बाहर करते हुए जरूरतमंद और पात्र लोगों को इसका फायदा देने की कोशिश की जा रही है। दरसअल जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये से अधिक न हो। राज्य खाद्य सुरक्षा योजना पांच लाख रुपये तक सालाना के लोगों के लिए है। अपात्र लोगों के राशन कार्ड होने की शिकायत मिलने के बाद राज्य सरकार ने पांच मई से अपात्र को ना -पात्र को हां अभियान शुरू किया हुआ है। खाद्य नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले की मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा में “अपात्र को ना, पात्र को हां” अभियान के तहत प्रेस कांफ्रेंस कर अभी तक राज्य में सरेंडर राशन कार्डों की जानकरी दी।
रेखा आर्या ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि अब तक इस योजना के तहत राज्य में 58,374 कार्ड धारकों ने स्वेच्छा से अपने राशन कार्ड सरेंडर किये हैं जो कि अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि है। रेखा आर्य ने कहा अभी तक राज्य में जाने – अनजाने में अपात्र राशनकार्ड धारक मुफ्त राशन का फायदा उठा रहे थे लेकिन अब पात्रों तक ये राशन पहुंचाने का काम राज्य सरकार करने जा रही है। सरकार ने पूर्व में कार्ड सरेंडर करने की तिथि 31 मई निर्धारित की थी जिसे अब आगे बढ़ाते हुए 30 जून कर दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वेच्छा से कार्ड सरेंडर कर सके। इस योजना के तहत राज्य में 58,374 लोगों ने स्वेच्छा से अपने राशन कार्ड सरेंडर किए हैं।
मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह राज्य का ऐसा पहला अभियान जिसमें जनता का सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में PHH, SFY, और अन्त्योदय के अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से कार्ड सरेंडर किए हैं। अगर अभी भी किसी धारक ने राशन कार्ड जमा ना किया हो तो 30 जून तक स्वेच्छा से अपने राशन कार्ड सरेंडर कर सकता है। अभियान के बाद भी अगर कोई अपात्र व्यक्ति राशन कार्ड रखता है और पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी।