उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात, निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने की रखी मांग

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उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस का एक वृहद प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल गुरमीत सिंह से राजभवन में मिला Congress delegation met the Governor तथा उनको राज्य में हाल ही में संपन्न त्रि स्तरीय पंचायत चुनावों में हुई धांधलियों व सरकारी संरक्षण में सत्ताधारी दल द्वारा की गई गुंडागर्दी गोली बारी व अपहरण की घटना व नेता विपक्ष यशपाल आर्य व विधायकों के खिलाफ की एफ आई आर पंजीकृत करने तथा राज्य के अधिकारियों द्वारा असंवैधानिक कार्य करने के मामलों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने राज्यपाल से कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने जंगल राज कायम किया हुआ है और जान बूझ कर पंचायत चुनाव समय पर ना करवा कर सात महीनों की देरी की गई जिससे इनके वे लोग जो निकाय चुनावों में मतदाता थे वे ग्रामीण क्षेत्रों में भी चुनावों में प्रतिभाग कर सकें।

उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला पंचायत सदस्य व छेत्र पंचायत सदस्य के आरक्षण में नियमों की धज्जियां उड़ा कर नियम विरुद्ध आरक्षण किया। माहरा ने नैनीताल, बेतालघाट व रुद्रप्रयाग के उदाहरण देते हुए कहा कि प्रशासनिक तंत्र सारे तमाशे में मूक दर्शक बना रहा और अपराधी खुलेआम जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण करते रहे और बेतालघाट में दिन दहाड़े गोलियां चलाते रहे। पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आरक्षण किया गया। विधायक क़ाज़ी निजामुद्दीन ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश की सरकार और प्रदेश की संवैधानिक संस्थाओं का संरक्षक होते हैं इसलिए आज जब वर्तमान हुकूमत संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है तो राज्यपाल को हस्तक्षेप करना चाहिए और सरकार को सख्त संदेश देना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत ने कहा कि शुरू से और चुनाव संपन्न होने तक राज्य निर्वाचन आयोग सरकार की कठपुतली बन कर काम करता रहा जबकि वो एक स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है और उसको निष्पक्षता के साथ अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी चाहिए किंतु उसने ठीक इसके विपरीत पंचायती राज्य कानून की ही धज्जियां उड़ाते हुए ऐक्ट के खिलाफ आदेश जारी करते हुए दो जगह नाम वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी जिसको उच्च न्यायालय नैनीताल ने स्टे कर दिया उसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेशों का भी पालन नहीं किया। राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वे उनके द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार को उचित संदेश देंगे तथा भविष्य में उनके कार्यालय द्वारा इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि जब भी विपक्षी दल के प्रतिनिधि उनसे अपनी बात कहना चाहें तो उनको समय दिया जाए।