मां धारी देवी की अनसुनी शक्ति | Uttarakhand News | Rudraprayag | Maa Dhari Devi Mandir

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उत्तराखंड में जब मंदिर ने किया इनकार और पहाड़ों में आई प्रलय और वह तबाही आज भी डरती है। उत्तराखंड का ऐसा मंदिर जिसने अपनी जगह से हटाने के लिए किया था इंकार और जब हटाया गया तो फिर आई वह मुसीबत जिसने न जाने कितनी जिंदगियां को खत्म कर दिया। Flood Like Situation In Srinagar कहीं क्षेत्र का नक्शा ही बदल दिया उसके बारे में बताने आया हूं। दोस्तों देवभूमि उत्तराखंड जहां हर शिला हर जलधारा और हर वादियों मैं ईश्वर का वास माना जाता है इसी धरती पर स्थित है एक ऐसा मंदिर जिसे केवल अपने हटाए जाने का विरोध किया बल्कि जैसे ही अपनी जगह से जबरदस्ती हटाया गया पूरे पहाड़ ने अपनी क्रोध अग्नि उगल दी। में बात कर रहा हूं उसे मंदिर जो अभी अलकनंदा के सैलाब के बीच में खड़ा है धारी देवी मंदिर की जिसे गढ़वाल की रक्षक देवी माना जाता है और चारों धामों में की रक्षा करने वाली अधिशाश्री देवी के रूप में पूजा जाता है। लेकिन यह मंदिर सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि एक चेतावनी है उसे देवी शक्ति की जो केवल पूजा नहीं सम्मान भी चाहती है।

दगड़ियों अभी आप देख रहे होंगे पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है और तमाम नदियां उत्थान पर हैं डराने वाला मंजर चारों तरफ दिखाई दे रहा है। चमोली और रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा और गंगा अपने रूद्र रूप में बह रही है। नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर पहुंच गया है जिससे प्रशासन को अलर्ट रहना पड़ रहा है और आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर इतना पहुंच गया कि यह धारी देवी मंदिर तक पहुंच गया पुलिस स्टॉप मंदिर परिसर के बाहर बनी पुरानी अस्थाई दुकानों में पानी घुस गया है। दगड़ियों देव भूमि उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है जिससे अपने मूल स्थान से हटाने से इनकार कर दिया था और जब उसे जबरदस्ती अपनी जगह से हटाया गया तो जलप्रलय ही आ गई थी।

धारी देवी मंदिर को चारों धामों का रक्षक माना जाता है उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में झील के बीचो-बीच धारी देवी का मंदिर है जिस पर स्थानीय लोगों की काफी आस्था है और दगडे अगली बार आप जब देव भूमि केदारनाथ जाए तो धारी देवी का दर्शन जरूर करें। कहा जाता है कि राजा अजय पाल पवार ने धारी देवी के आशीर्वाद से ही 52 बड़ों को हराकर गढ़वाल की स्थापना की थी आदि गुरु शंकराचार्य जी जिन्हें वेदों ने लगभग मरा हुआ ही मान लिया था धारी देवी की शरण में आने के बाद ही स्वस्थ हो गई और उन्होंने चारों धामों की स्थापना की। मां काली को समर्पित इस मंदिर में देवी धारी की मूर्ति का सिर्फ ऊपरी हिस्सा ही स्थित है मूर्ति का निकला आधा हिस्सा काली मठ में स्थित है जहां वह देवी काली के रूप में पूजी जाती है कहा जाता है धारी देवी मूर्ति दिन में तीन बार अपना स्वरूप बदलता है। सुबह के समय वह एक छोटी बच्ची दोपहर में युवती और शाम के समय वह बूढी औरत के रूप में नजर आती है यह स्थान 108 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

18 वीं सदी में एक बार मंदिर से छेड़छाड़ हुई थी जिसके बाद भारी तबाही हुई थी कहा जाता है कि नगर जैसे पहाड़ी क्षेत्र को भी उसे प्रणय ने उजाड़ कर मैदानी रूप दे दिया था पुलिस स्टॉप कहा जाता है 1882 में ऐसा ही प्रयास एक स्थानीय राजा ने भी की थी जिसके बाद आए भूस्खलन में केदारनाथ समतल बन गया था। दगड़ियों वह दिन आपको याद होगा जब मंदिर को मूल स्थान से हटाया गया तो जल प्रलय आ गया था 16 जून 2013 को अलकनंदा हाइड्रो पावर द्वारा निर्मित अलकनंदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांध के निर्माण के लिए कंपनी ने धारी देवी मूर्ति को मूल स्थान से हटकर 611 मीटर की ऊंचाई पर एक कंक्रीट के मंच पर स्थानांतरित कर दिया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने इसका भारी विरोध किया था लेकिन कंपनी ने उनकी बात नहीं मानी। मान्यता है कि देवी की मूर्ति को स्थानांतरित करने के कुछ घंटे बाद ही बादल फटने की वजह से केदारनाथ में जल प्रलय आया था। इसमें केदारनाथ मंदिर के अलावा बाकी सब कुछ बह गया था हजारों लोगों की जान चली गई थी।

देवी का ही प्रकोप माना जाता है उसके बाद मंदिर को उनके मूल स्थान पर फिर से बनाया गया जहां की तस्वीर अभी आपने देखी होगी जब मंदिर तक अलकनंदा का पानी पहुंच गया पुलिस स्टॉप उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण अलकनंदा का जलस्तर खतरनाक बढ़ गया है जिससे श्रीनगर और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडल आ रहा है धारी देवी मंदिर के पास अलकनंदा का प्रचंड विवेक देखकर लोगों में आस्था और भैया दोनों का माहौल है। मंदिर के प्लेटफार्म तक पहुंचनेसे 2013 की भैया वह बाढ़ की यादें ताजा हो गई जब केदार घाटी में आई आपदा ने भारी तबाही मचाई थी पुलिस स्टॉप श्रीनगर से कुछ आगे बदरीनाथ हाईवे पानी में डूब गया है और अलकनंदा का जलस्तर इतना बढ़ गया कि धारी देवी का प्लेटफार्म भी पानी से छूने लगा पुलिस नदी का रौद्र रूप और मंदिर की एडिंग उपस्थित देखकर लोगों में मिश्रित भावनाएं उभर रही हैं। एक और ऐसा लग रहा है मानो अलकनंदा मदारी देवी से मिलने को आतुर को वहीं दूसरी और नदी के वेग से मंदिर के पिलरों पर खतरा मंडराता दिख रहा है।