जी हां दोस्तो उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से उठे नए सितारे, जिन्हें पूरा देश कर रहा है सलाम। टिहरी जिले ने लगा दी हेट्रिक, तो पिथौड़गढ की बेटी ने भी कर दिया कमाल। अब चार पीढ़ी की परंपरा निभाएगी पहाड़ की बेटी, क्या है इन युवाओं की सकसेस स्टोरी। नमस्कार पैलाग मै पंकज रौतेला आप देख रहे हैं उत्तराखंड न्यूज। दोस्तो अपने उत्तराखंड से एक बार फिर शानदार खबर सामने आई। टिहरी जिले के तीन युवाओं ने सेना और एयरफोर्स में पासिंग आउट कर जिले का नाम रोशन किया और वहीं, सीमांत पिथौरागढ़ से एक बेटी तैयार हो रही है अपनी चौथी पीढ़ी की सेना की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए, ये सब कैसे संभव होता है अपने उत्तराखंड के लिए। जिसे सैनिकों का प्रदेश कहा जाता है और अब आगे अफसरों का प्रदेश कहा जाएगा। दोस्तो, मेहनत, जज्बा और देशभक्ति का ये जादू साबित करता है कि उत्तराखंड के युवा हर चुनौती को पार कर सकते हैं बल, वो कहते हैं, ‘अगर मेहनत और जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता’. ऐसे ही कुछ टिहरी जिले के तीन युवाओं ने कर दिखाया, जिन पर पूरा उत्तराखंड गर्व कर रहा है। दोस्तो 25 साल के प्रदीप सिंह रावत, 24 साल के मयंक सिंह पडियार और 23 साल के आयुष उनियाल ने कर दिखाया है। कमाल, दोस्तो प्रदीप और आयुष ने 13 दिसंबर को आईएमए पासिंग आउट परेड पास कर सेना में लेफ्टिनेंट बनकर जिले का नाम रोशन किया है, जबकि मंयक सिंह पडियार ने हैदराबाद में एअर फोर्स अकादमी से फाइटर जेट पायलट बनकर पास आउट हुए। इन तीनों युवाओं की कामयाबी से क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
दोस्तो इन युवाओं के जोश जज्बे और सफलता की कहानी बताने में वीडियो थोड़ा लंबा हो सकता है, लेकिन यकीन मानिए इनकी सफलता की कहानी आने वाली पीढियों के लिए बुहत प्ररेणादायक होने वाली है। मै एक एक कर बताता हूं आपको, दोस्तो टिहरी जिले के नगुन पट्टी के विकोल गांव निवासी प्रदीप रावत की प्रारंभिक शिक्षा मैरी माता कॉन्वेंट स्कूल चिन्यालीसौड़ में हुई। जबकि इंटरमीडिएट एफआईआर देहरादून से करने के बाद बीएससी डीबीएस कॉलेज देहरादून से की। इसके बाद एनडीए की परीक्षा क्वालीफाई कर आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण के बाद 13 दिसंबर को आईएमए पासिंग आउट परेड पास की। दोस्तो प्रदीप रावत के पिता किशन सिंह रावत किसान और माता पार्वती देवी गृहिणी हैं। परिवार में तीन भाइयों में प्रदीप रावत सबसे बड़े हैं। बेटे की इस कामयाबी से वे बेहद खुश हैं। दोस्तो दूसरा नाम आता है टिहरी जिले के ही, मयंक का मयंक एयरफोर्स अफसर बने हैं। नगुन पट्टी के डोबन पलूंजा निवासी मयंक पडियार के पिता विजय सिंह पडियार ने कहते हैं कि, मंयक बचपन से ही एयरफोर्स में जाने की इच्छा जता चुके थे। वे स्वयं सेना की 11वीं गढ़वाल राइफल में 17 साल की सेवा करने के बाद हवालदार पद से सेवानिवृत्त हुए है। मयंक की प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय उत्तरकाशी से हुई, उसके बाद उच्च शिक्षा देहरादून के उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से की है। उनकी इस उपलब्धि पर वे काफी खुश हैl टिहरी के तीसरे युवा की बात करूं तो, नाम है आयुष कड़ी मेहनत के बाद आयुष ने सेना में अफसर तक मुकाम हासिल किया है। दोस्तो टिहरी जिले के प्रतापनगर विकासखंड के ओण पट्टी के पणसूत गांव निवासी आयुष उनियाल भी सेना में अफसर बने। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बने आयुष उनियाल का चंबा पहुंचने पर पूर्व सैनिक संगठन और स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। दोस्तो, लेफ्टिनेंट आयुष उनियाल की प्रारंभिक शिक्षा चंबा के कार्मल स्कूल में संपन्न हुई। उसके बाद उन्होंने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। जनवरी 2022 में उनका चयन एनडीए में हुआ और बीते 13 दिसंबर को वे सेवा में लेफ्टिनेंट बनकर पास आउट हुए।
दोस्तो आयुष के पिता बुद्धिराम उनियाल चंबा में व्यवसायी हैं और माता दरबा देवी गृहिणी हैं। उनका भाई आकर्ष उनियाल मुंबई में डॉक्टर है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने शिक्षकों और माता-पिता को दिया है। तीनों युवाओं की इस कामयाबी पर सैनिक संगठनों और राजनीतिक दलों, समाज के बुद्धिजीवी वर्गों ने खुशी जाहिर की है। दोस्तो इस सब के बीच बात एक ऐसी बेटी की जो अब अपनी पीढ़ी की चौथी अफसर बनीं हैं नाम है प्रियंका। दोस्तो सीमांत जिला, पिथौरागढ़ के लोहाकोट निवासी प्रियंका चौथी पीढ़ी में सेना में शामिल होकर परिवार का गौरव बढ़ाएगी। प्रियंका के परदादा, दादा और पिता सूबेदार मेजर रिटायर्ड किशन सिंह कन्याल सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से उत्तीर्ण प्रियंका ने वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा में 27वां स्थान हासिल किया है। वहीं आपको ये भी बतादूं कि 1971 की जंग लड़ चुके दादा के बाद अब पोती वायुसेना में अफसर बनकर चार पीढ़ी से देश में सेवा करने की परंपरा को निभाने जा रही है। परदादा के अलावा पिता और चाचा भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। प्रियंका अपने परिवार में चौथी पीढ़ी की अफसर बनेंगी। प्रियंका के वायुसेना में अफसर बनने के बाद परिवार और उनके गांव में खुशी की लहर है। अब प्रियंका अगले चार साल तक एयरफोर्स अकादमी डुंडीगल, हैदराबाद में प्रशिक्षण लेंगी, तो उधर एक नाम और यहां सामने आता है अजय भट्ट का जो अब सेना में लेफ्टिनेंट होंगे। दोस्तो मजिरकांडा निवासी अजय भट्ट पुत्र सतीष भट्ट सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि से उनके गांव में खुशी का माहौल है तो दोस्तो, उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से निकले ये युवा और बेटियां न सिर्फ अपने परिवार और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि देश की सेवा में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। टिहरी, पिथौरागढ़ और मजिरकांडा के इन बहादुर अफसरों की सफलता हमें यह याद दिलाती है कि मेहनत, जज्बा और देशभक्ति से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। देश के इन नए सितारों को हम सबकी तरफ से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।