जी हां दोस्तो उत्तराखंड में गरमाते सियासी महौला के बीच एक बड़ी खबर ये है कि कांग्रेस ने बना दिया ऐसा चक्रव्युह, जिसमें बीजेपी फंसती हुई नजर आ रही है। कैसे कांग्रेस के एक बड़े प्लान ने बीजेपी में मचा दी खलबली और क्यों बीजेपी बीजेपी को याद आने लगा 2022 का चूनाव, बताउंगा आपनी सिस रिपोर्ट के जरिए। Uttarakhand Congress President दोस्तो अपने उत्तराखंड में बीते 10 सालों से प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। पुष्कर सिंह धामी मुख्यंमंत्री हैं, लेकिन इधर बात कांग्रेस की करें तो कांग्रेस ने चुनाव से लगभग एक साल पहले लिए इस फैसले ने अपने को बीजेपी से एक कदम आगे कर दिया है। दोस्तो उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है। मिशन 2027 को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने संगठन में नया संतुलन साधने की कोशिश की है। कांग्रेस हाईकमान ने एक बार फिर गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है, जबकि प्रीतम सिंह और हरक सिंह रावत को मिली हैं अहम भूमिकाएँ। नए बदलावों के साथ पार्टी ने साफ किया है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ मैदान में उतरने को तैयार है, लेकिन सवाल तो ये कि क्या ये बदलाव कांग्रेग के लिए वो कमाल कर कमल को पक्षाड़ पाएगा। ये तो वक्त बताएंगा लेकिन इस फैसले से कांग्रेस वाले गदगद हैं।
दोस्तो तो उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी ने संगठन में व्यापक फेरबदल करते हुए गणेश गोदियाल को दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। ये फैसला कांग्रेस हाईकमान की ओर से ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में पार्टी को फिर से मजबूत आधार तैयार करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वह 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां अब मिशन मोड पर करेगी। संगठन को मजबूती देने और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने के उद्देश्य से प्रदेश कांग्रेस में कई अहम पदों पर नए चेहरों को जगह दी गई है। वहीं दोस्तो कांग्रेस के इस चतुरर्भुज प्लान पर नजर डाले तों गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष, प्रीतम सिंह को प्रचार समिति का अध्यक्ष हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष करन माहरा को कांग्रेस कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। दोस्तो फेरबदल केवल औपचारिक नहीं, बल्कि संगठनात्मक संतुलन साधने का प्रयास भी माना जा रहा है। पार्टी ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि उत्तराखंड में अब गुटबाजी नहीं, बल्कि एकता के साथ कांग्रेस मैदान में उतरेगी। दोस्तो गणेश गोदियाल पहले भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। अपने शांत, सरल और संगठनात्मक कौशल के कारण वे सभी गुटों में स्वीकार्य माने जाते हैं। यही वजह रही कि हाईकमान ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया, लेकिन बीजेपी वाले अपने ही अंदाज में कांग्रेस पर तंज कस रही है। अब ये रही विपक्ष की बात, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नया अध्यक्ष मिलने के बाद पार्टी में खुशी का माहौल है। और यहां ये भी देख लीजिए कि कैसे और क्यों बीजेपी को 22 का चुनाव याद आया है।
दरअसल दोस्तो पूर्व विधायक गणेश गोदियाल साल 2021 में भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त किया था और उसके बाद 2022 का विधायनसभआ चुनाव हुआ जहां चुनाव से पहले कांग्रेस की सत्ता मे वापसी की बातें और बीजेपी वाले असहज में थे और तब प्रदेश कांग्रेस की कमान इन्हीं गणेश गोदियाल के कंधों पर थी, लेकिन कांग्रेस की कुछ खामिया ऐसे आड़े आई कि सत्ता में आती आती कांग्रेस चुनाव परिणाम के साथ पीछड़ गई, लेकिन एक बार फिर पार्टी ने भरोसा उस ही सेनापति पर जताया है, जिसने साल 2002 में थैलीसैंण विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में गणेश गोदियाल ने BJP के दिग्गज नेता रमेश पोखरियाल निशंक को करारी हार दी थी। इसके बाद साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में गणेश गोदियाल को हार का सामना करना पड़ा। साल 2012 में हुए परिसीमन के बाद थलीसैंण, श्रीनगर विधानसभा का हिस्सा बन गया। साल 2012 में गणेश गोदियाल ने श्रीनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा। इस बार वे BJP के धन सिंह रावत के विरूद्ध चुनाव मैदान में उतरे। इस चुनाव में गोदियाल ने BJP प्रत्याशी धन सिंह रावत को हराया। इस जीत के बाद कांग्रेस में गणेश गोदियाल का कद बढ़ता चला गया। एक समय में गणेश गोदियाल सतपाल महाराज के करीबी माने जाते थे। इतना भर नहीं है दोस्तो साल 2021 में कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को बड़ी जिम्मेदारी दी। 22 जुलाई 2021 में कांग्रेस ने गणेश गोदियाल को उत्तराखंड कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। साल 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव हुए। इसमें गणेश गोदियाल ने फिर से श्रीनगर विधानसभा से ताल ठोकी, लेकिन इस बार भी गोदियाल को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन दोस्तो क्या इस बार खुछ कमाल करेगी कांग्रेस उत्तराखंड कांग्रेस में हुए इस बड़े फेरबदल के बाद पार्टी ने साफ कर दिया है कि मिशन 2027 अब पूरी रफ़्तार से शुरू हो चुका है। अनुभवी नेताओं के अनुभव और युवा चेहरों की ऊर्जा के साथ कांग्रेस एकजुट होकर मैदान में उतरने को तैयार है। अब देखना होगा कि गणेश गोदियाल की नई टीम प्रदेश में कांग्रेस को कितना मज़बूत बना पाती है और क्या यह बदलाव आने वाले चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे पाएगा।