जी हां दोस्तो एक ऐसा बड़ा फैसला, जिसके आने के बाद मुश्किल में पड़ गए पूर्व आईपीएस कैसे मारपीट मामले में दिया दोषी करार और यूए से जुड़़े करियर पर मंडराने लगा है साया। जी हां दोस्तो एक ये अहम खबर है। उत्तराखंड में पूर्व IPS लोकेश्वर सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई है। पिथौरागढ़ के टकाना पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक व्यक्ति को अवैध हिरासत में रखकर नग्न कर पीटने के मामले में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने उन्हें दोषी करार दिया है। अब शासन को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भेजी गई है। सवाल ये है कि अब इस फैसले का असर उनके संयुक्त राष्ट्र से जुड़े करियर पर क्या पड़ेगा? खबर को अंत तक जरूर देखिएगा। दोस्तो ये मामला पिथौरागढ़ के टकाना में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अवैध रूप से हिरासत में रखने और नग्न कर पीटने का है। इम मामले में पूर्व आईपीएस लोकेश्वर सिंह के खिलाफ राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने फैसला सुनाया है। प्राधिकरण ने आईपीएस अधिकारी रहे लोकेश्वर सिंह तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ को दोषी करार देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति उत्तराखंड शासन गृह विभाग को भेजी है, साथ ही पुलिस अधिकारी को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देने के भी आदेश जारी किए हैं। दोस्तो आपको इस मामले को विस्तार से बताता हूं। इसे ऐसे समझिए, लक्ष्मी दत्त जोशी निवासी मंगलम गारमेंट्स पुराना बाजार पिथौरागढ़ ने 8 फरवरी 2023 को जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण, नैनीताल में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें कहा गया कि 6 फरवरी 2023 को पिथौरागढ़ के टकाना में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर उस समय के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह और अन्य छह पुलिस कर्मियों ने पिटाई की। जिसके कारण उन्हें काफी चोटें आई। उनका इलाज चल रहा है। जिसकी मेडिकल रिपोर्ट और एक्स-रे रिपोर्ट में चोटों के निशान हैं।
इतना ही नहीं, आगे देखिए शिरकायत के 10 दिन बाद 18 अप्रैल 2023 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने शपथ पत्र दिया की लक्ष्मी दत्त जोशी आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। इसके खिलाफ कोतवाली पिथौरागढ़ में युवा अधिनियम,चंपावत में सरकारी काम में बाधा डालना और मारपीट गुंडा अधिनियम और कोतवाली पिथौरागढ़ में आपराधिक धमकी देने में मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा ये भी कहा गया कि गांव वालों से जमीन संबंधी विवाद में उनके खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई की गई है। दोस्तो कोतवाली पिथौरागढ़ क्षेत्र में वाहनों में आग लगाने की घटना के संबंध में लक्ष्मी दत्त जोशी को पूछताछ के लिए बुलाया गया। लक्ष्मी दत्त ने उसे घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया। 6 फरवरी 2023 को उनके साथ कोई मारपीट नहीं की गई। इसके बाद दोस्तो आगे बढ़िए, इसपूरे मामले की हर बात आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा हूं। दोस्तो 26 में 2023 को पीड़ित ने शपथ पत्र दिया की लोकेश्वर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर और स्थानीय दलों के नेताओं से मिली भगत कर उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए हैं। सभी मुकदमों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। किसी भी मुकदमे में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। एक पीड़ित तो पुलिस विभाग में तैनात सफाई कर्मचारी का बेटा है। 6 फरवरी 2023 को झूठे वाहनों को आग लगाने के मामले में उन्हें पुलिस अभिरक्षा में रखकर मारपीट की गई। उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
दोस्तो अब करीब 3 साल राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को अलग-अलग तारीखों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया तो बुधवार को न्यायमूर्ति एनएस धानिक अध्यक्ष पुलिस शिकायत प्राधिकरण, सदस्य पुस्तक ज्योति,अजय जोशी मोहन चंद्र और दया शंकर पांडे की बेंच ने मुकदमे पर फैसला सुनाया। बेंच ने विवेचना में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह को इस मामले में पीड़ित को अपने कार्यालय में बुलाकर उसे नग्न कर मारपीट करने और काफी देर तक कार्यालय में बैठने का दोषी पाया। बेंच ने आदेश दिए की पूर्व आईपीएस के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति उत्तराखंड शासन गृह विभाग को भेजी जाए, साथ ही राज्य सरकार को ये भी निर्देशित किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए उन्हें सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करते हुए विधि के अनुसार कार्रवाई की जाये। दोस्तो यहां मै आपको ये भी बता दूं कि लोकेश्वर सिंह ने 14 अक्टूबर 2025 को पुलिस सेवा से त्यागपत्र दे दिया था। फिलहाल वो संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी निभा रहे हैं, लेकिन अब आगे क्या होगा। क्योंकि पूर्व IPS लोकेश्वर सिंह से जुड़े इस बड़े मामले में उन्हें पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने उन्हें दोषी ठहराया है और शासन को अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भेजी गई है। इस फैसले के आगे के कदम और उनके करियर पर असर क्या होगा, ये भी देखना होगा।