चमोली: आज 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है। इस दौरान उत्तराखंड के चारों धाम बंद किए गए हैं। मंगलवार शाम को ग्रहण काल समाप्त होने के बाद मंदिरों में साफ सफाई कर द्वार खोले जाएंगे और पूजा की जाएगी। इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति नहीं होगी। लेकिन उत्तराखंड का एक ऐसा भी मंदिर है जिसे ग्रहण के दौरान बंद नहीं किया जाता है। चमोली जिले के उर्गम घाटी में कल्पेश्वर तीर्थ जो की एकमात्र ऐसा मंदिर है। जिसका कपाट किसी भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता, यह परंपरा पौराणिक कल से सतत चली आ रही है।
24 घंटे यह मंदिर खुला रहता है और कभी भी इस मंदिर के गर्भगृह में ताला नहीं लगाया जाता है। मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव के जटा भाग होने के चलते ताला नहीं लगाया जाता है, क्योंकि शिव के जटाओं से गंगा को रोका जाता है। इसलिए ग्रहण काल में भी ये मंदिर खुला रहता है। कल्पनाथ प्रबंध समिति के सचिव रघुबीर सिंह नेगी का कहना है की शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान शिव ने जटाओं से मां गंगा को रोका था। इसलिए यहां कपाट बंद नहीं होते। समुद्र मंथन के दौरान यहीं पर देवताओं और दानवों की बैठक हुई थी। ग्रहण के दौरान आज भी कल्पेश्वर मंदिर बंद नहीं है।