जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण मकानों में पड़ती दरारों ने प्रशासन को चिंता में डाल रखा है। जोशीमठ में रहनेवाले अब तक सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। इस बीच, प्रशासन ने मकानों और सड़कों पर पड़ने वाली दरारों को भरने का निर्णय लिया है। दरारों को भरने के लिए अधिकारी प्राथमिक तौर पर बेंटोनाइट तकनीक की मदद लेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, बेंटोनाइट तकनीक में एक क्ले का इस्तेमाल होता है। इस क्ले पर जैसे ही पानी डाला जाता है तो यह फैलने लगता है और फिर जम जाता है। दरारों को भरने के लिए इसी क्ले का उपयोग होगा।
बताया जा रहा है कि अभी जो स्थिति है, उसमें बारिश का पानी सीधे दरारों में चला जा रहा है। जिससे भू धंसाव का खतरा और बढ़ गया है। अगर क्ले की मदद से दरारें भर दी जाएंगी तो इसमें बारिश का पानी घुस नहीं पाएगा। अधिकारी बताते हैं कि बेंटोनाइल तकनीक जोशीमठ के दरारों को भरने में बड़ी मददगार साबित हो सकती है। हालांकि, किसी भी खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीमें मौके पर मौजूद हैं। बता दे, चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, दरार वाले मकानों की संख्या रविवार को बढ़कर 826 हो गई है जबकि असुरक्षित क्षेत्र में आने वाले भवनों की संख्या भी बढ़कर 165 हो गई है। अब तक कुल 233 परिवारों के 798 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।