Joshimath: सड़कों पर हजारों लोग, कराह रहे प्रभावित, फिर भी सरकार का दावा…स्थिर होने की ओर जोशीमठ

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Ranjit Sinha Statement on Joshimath: जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किये जा रहे राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं, अपनी कमियां छुपाने के लिए आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया पर अपनी खुन्नस निकालते नजर आये। शुक्रवार को देहरादून सचिवालय मीडिया सेंटर में जोशीमठ के हालातों की जानकारी देते देते आपदा प्रबंधन सचिव मीडिया की भूमिका पर भी ही सवाल खड़े करने लगे। उन्होंने जोशीमठ को लेकर मीडिया द्वारा की जा रही रिपोर्ट पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा मीडिया को जोशीमठ को लेकर ज्यादा सुर्खियां नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि जोशीमठ में हालात सामान्य हैं।

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया जोशीमठ को लेकर धरातल पर हालात सामान्य हैं। जोशीमठ के लोगों को कोई खास समस्या नहीं है। वहां के लोग आपदा प्रबंधन के प्रयासों को लेकर संतुष्ठ हैं। हमें उनकी इस बात को समझना चाहिए ना कि बिना वजह जोशीमठ की परेशानियों को हाइलाइट करना चाहिए। दूसरी तरफ अगर धरातल की बात करें तो जिस वक्त आपदा प्रबंधन सचिव सचिवालय में यह बयान दे रहे थे ठीक उसी वक्त जोशीमठ में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे।

आपदा सचिव के इस बयान से जोशीमठ के लोगों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी अतुल सती ने आपदा सचिव के इस बयान को बिल्कुल बेतुका बताया। उन्होंने कहा जोशीमठ की पूरी जनता आपदा सचिव के इस बयान की कड़ी निंदा करती है। अभी तक जोशीमठ में 863 भवनों में दरारें दर्ज की गई हैं, जबकि 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। वहीं, जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में सामने आया है कि अब तक करीब 460 जगह जमीन के अंदर 40 से 50 मीटर तक गहरी दरारें मिली हैं। ऐसे में भू-धंसाव से प्रभावित 30 फीसदी क्षेत्र कभी भी धंस सकता है।