जोशीमठ: तीन माह बीते मगर भू-वैज्ञानिकों की सर्वे रिपोर्ट नहीं हुई सार्वजनिक, अब JBSS ने सरकार को दी धमकी

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Joshimath Sinking Update: नगर में हुए भू-धंसाव को तीन महीने बीत गए हैं। उस वक्त नगर में देश की कई वैज्ञानिक संस्थाओं की टीमों ने भू-सर्वेक्षण किया था लेकिन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट का अभी तक अता पता नहीं है। प्रभावितों को उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। लोगों का कहना है कि वैज्ञानिकों ने जोशीमठ को कितना सुरक्षित और कितना असुरक्षित बताया है यह पता चले तो वे भविष्य को लेकर कोई निर्णय लें लेकिन सरकार ने रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की है। प्रभावितों ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की। जोशीमठ में आपदा के समय देश की आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की टीम ने सर्वे किया था। कई दिनों तक वैज्ञानिक मशीनों को लेकर क्षेत्र का निरीक्षण करते रहे लेकिन वैज्ञानिकों की इन रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं।

अब चार धाम यात्रा शुरू होने से ठीक पहले जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति (JBSS) ने सरकार को बड़ी धमकी दी है। जेबीएसएस ने जोशीमठ में चल रहे एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को तत्काल रोकने की मांग की है। ऐसा ना होने पर समिति चार धाम यात्रा के दौरान बद्रीनाथ मार्ग पर ट्रैफिक रोकने को बाध्य होगी। समिति ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसी स्थिति के लिए सीधा सीधा राज्य सरकार ही जिम्मेदार होगी। बता दें कि उत्तराखंड में 27 अप्रैल से बद्रीनाथ यात्रा शिड्यूल की गई है। समिति ने कहा कि जोशीमठ हादसे के तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगढ़ हाइडिल प्रोजेक्ट के अलावा हेलांग बाइपास रोड पर काम चल रहा है। समिति के ग्रुप कंवीनर अतुल सती ने कहा कि जोशीमठ को बचाने के लिए समिति लगातार इस मामले को उठा रही है। एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को रोकने के लिए तहसीलदार से लेकर सीएम तक से मांग की गई। बावजूद इसके अभी तक काम नहीं रोका गया।