कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से शुरू हुआ था ‘टाइगर प्रोजेक्ट’, पांच फीसदी बाघों की संख्या में वृद्धि की संभावना

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देहरादून: देश भर में प्रोजेक्ट टाइगर की वर्षगांठ मनाई जा रही है और मैसूर में पीएम मोदी ने देश में 3,167 बाघ होने की घोषणा की है। हालांकि अभी राज्यवार बाघों की सूची जारी नहीं हुई, ऐसे में उत्तराखंड में पांच फीसदी ही बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है जबकि 2018 की गणना में प्रदेश में 442 बाघ रिकॉर्ड हुए, जिसमें 252 कॉर्बेट पार्क में रिकॉर्ड हुए थे। बाघों के संरक्षण और संवर्धन में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का अहम योगदान है। यहीं से प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई थी। वहीं इस बार भी गणना के आंकड़े सामने आने के बाद बाघों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है। क्यों कि पूर्व के आंकड़े काफी अच्छे रहे हैं।

बता दें कि प्रोजेक्ट टाइगर को 50 साल पूरे हो गए हैं। बाघों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की गई थी। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत उत्तराखंड के प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से ही हुई थी। बाघों के कुनबा बढ़ाने में प्रोजेक्ट टाइगर का अहम रोल है। गौर हो कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में साल 2006 के बाद लगातार बाघों का कुनबा बढ़ा है। अगर साल 2006 की बात करें तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 160 बाघ पाए गए थे। उसके बाद 2010 में इनकी संख्या बढ़कर 186 हुई। इसके बाद साल 2014 इनकी गणना हुई। जिसमें बाघों की संख्या 215 पाई गई। वहीं, साल 2020 की गणना में बाघों की 250 से ज्यादा पाई गई। साल 2022 की गणना में इनकी संख्या में और इजाफा होने की संभावना है। कुछ ही दिनों में इसके आंकड़े भी सार्वजनिक किए जाएंगे।