एक बुजुर्ग…2 बाघ और फिर छिड़ गया संग्राम !
बाघों से बुजुर्ग की भयंकर लड़ाई…बाघों पर मुसीबत आई !
न कुदाल छोड़ी और न हिम्मत…ऐसा नहीं हुआ है आज तक !
सोचिए…आप अकेले जा रहे हैं…आफत की आपको कोई खबर नहीं…कि किस कद पर मुसीबत आ जाए..और जान मुश्किल में फंस जाए…इक्के दुक्के केस में एक मुसीबत से इंसान लड़ने की ताकत रखता है…जहां तक होता है वो लड़ता है…लेकिन अब आपकी जान के पीछे एक नहीं दो आदमखोर पड़ जाएं तो जंग कितनी देर चल सकती है…लेकिन एक बुजुर्ग ने दिखा दिया कि…वो हौसले से चलता है…और एक क्या दो लोग भी अगर जान के पीछे पड़ जाएं..तो वापस उनकी जान खतरे में आ जाती…उत्तराखंड के कोटद्वार के एक बुजुर्ग ने वो काम किया है…जो किसी हौसले को और मजबूती देगी…जो जिंदगी से हार चुके हैं…और जीना नहीं चाहते उनके लिए ये बुजुर्ग एक मिसाल है…क्योंकि जवानी में जो जिंदगी से हार जाते हैं…और मौत को गले लगाते हैं…तो इस बुजुर्ग के हौसले को देख लिजिए…किस तरह से मौत के गले से खुद को निकाल लाया….ऐसा हर कोई नहीं कर सकता…बहुत ही कम ऐसे मामले आते हैं…जैसा इस बुजुर्ग ने कर दिखाया है….तो चलिए आज हम मिलवाते हैं…कोटद्वार के रिखणीखाल ब्लॉक के सोरेगाड गांव के बुजुर्ग मनवर सिंह रावत की पहलवानी से…
उम्र 70 साल है…लेकिन काम जवानी में जो कर न पाए…वो काम मनवर ने कर दिखाया है…पूरी कहानी शुरु होती है….खेत में काम करने के वक्त से…रिखणीखाल ब्लाॅक के ग्राम पंचायत तोल्यूडांडा के सेरोगाड गांव के मरगांव तोक निवासी मनवर सिंह रावत हाथ में कुदाल लेकर खेतों में धान की पौध में पानी लगाने जा रहे थे….इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे दो बाघों ने उन पर हमला कर दिया…..खतरे को भांपते हुए उन्होंने हिम्मत जुटाई और शोर मचाते हुए बाघों पर कुदाल से हमला करना शुरू कर दिया…दो बाघों ने मनवर को घेर रखा था…लगातार बाघ उन को जमीन पर गिराना चाहते थे..लेकिन कुदाल लिए मनवर ने जो जो वार किए पूछिए मत….इस दौरान बाघ ने उन पर कई बार हमले का प्रयास किया….लेकिन उन्होंने बार-बार कुदाल से वार कर बाघ के सभी हमले को फेल कर दिया…इसके बाद एक बाघ नीचे झाड़ियों में भाग गया तो मनवर सिंह भी जान बचाने के लिए भागे..लेकिन एक बाघ ने उनका करीब 100 मीटर तक पीछा किया….इस बीच शोर सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े….
इस बीच दूसरा बाघ तेजी से बुजुर्ग का पीछा कर रहा था..लेकिन मनवर ने न तो कुदाल छोड़ा और न ही हिम्मत….जितने कदम बाघ उनकी ओर ला रहा था…उतना खतरा मनवर पर आ रहा था…दूसरा बाघ तो भाग चुका था…उसको पता चल गया था कि….मनवर का शिकार करना मुश्किल है.,..क्योंकि उसके पास कुदाल है….लेकिन दूसरे बाघ ने मानों जीद ठान रखी थी…और पिछा करता ऱहा…लेकिन मनवर के शोर मचाने पर गांव के लोग भी दौड़ चुके थे…कि आखिर क्या हुआ है…गांव वालों को आता देख..आखिरकार दूसरा बाघ भी झाड़ियों की ओर भाग गया…. बाघ के हमले में बुजुर्ग का पैर जख्मी हो गया…बाघों के हमले में बुजुर्ग ने हिम्मत नहीं हारी और उनका डटकर मुकाबला किया….शोर मचाते हुए कुदाल से बाघों पर कई प्रहार किए और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया….वहीं पौड़ी के गडोली में बच्ची पर गुलदार के हमले के बाद क्षेत्र के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में आगामी 10 जून तक अवकाश घोषित कर दिया गया है…डीएम डाॅ. आशीष चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं….हमले में घायल बच्ची के शरीर में सूजन बढ़ने पर परिजन उसे एम्स ऋषिकेश गए जहां उपचार के बाद उसे छुट्टी मिल गई है….