रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड के व्यापारियों ने 20 मई को बाजार बंद रखने का किया ऐलान, ये है वजह

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रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड केदारनाथ यात्रा का प्रथम पड़ाव है जहा से बाबा के द्वार की यात्रा शुरू होती है। केदारनाथ धाम में प्रशासन के नियमों से गौरीकुंड के व्यापारी खासे नाराज हैं। जिसके चलते उन्होंने 20 मई को बंद का ऐलान किया है। गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा कि कोरोना महामारी के दो साल बाद यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड के व्यापारियों को ही रोजगार नहीं मिल पा रहा है। साथ ही व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से हर दिन दोपहर दो बजे बाद तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग में रोका जा रहा है, जिससे गौरीकुंड का व्यापार ठप पड़ा है। जबकि, यहां 6 हजार तीर्थयात्रियों की व्यवस्था है, इसके बावजूद प्रशासन सोनप्रयाग में यात्रियों को रोककर उन्हें बाहर सोने के लिए मजबूर कर रहा है।

छः मई को बाबा केदार के कपाट खुल गये थे और तब से लेकर आज तक गौरीकुंड में बिजली व पानी की व्यवस्था को ठीक नहीं किया गया है। आए दिन गौरीकुंड में लो-वोल्टेज की समस्या से व्यापारी परेशान रहते हैं, जबकि पानी की किल्लत भी बनी रहती है। यहां पर प्रशासन की कोई भी उचित व्यवस्था नहीं की गयी है और तो और दोपहर दो बजे बाद तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड नहीं भेजा जा रहा है। जिस कारण रात के समय उनके होटल, लाॅज खाली पड़े रहते हैं और उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री सुबह सोनप्रयाग से निकलकर सीधे केदारनाथ धाम को जा रहे हैं और दोपहर दो बजे श्रद्धालुओं को गौरीकुंड नहीं भेजा जा रहा है। प्रशासन की इस व्यवस्था से गौरीकुंड के व्यापारियों में खासा आक्रोश बना है और व्यापारियों ने बीस मई को बंद का ऐलान किया है। यदि प्रशासन ने दो दिनों के भीतर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखेंगे और घोड़ा-खच्चर तथा डंडी-कंडी संचालक व्यापारियों के समर्थन में यात्रा का संचालन नहीं करेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।