Rishikesh-Karnprayag Rail Project: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम अब और तेज गति के साथ चल रहा है। रेल विकास निगम ने 50 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर तैयार कर दी है। कुल 125 किलोमीटर लंबे ट्रैक में का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों के अंदर होगा। रेल विकास निगम चार दिन में करीब एक किलोमीटर सुरंग का निर्माण कर रहा है। ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 105 किलोमीटर रेल लाइन सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगी। परियोजना पर कुल 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।
किसी भी आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ और आग से निपटने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की ओर से साइट स्पेसिफिक स्पेक्ट्रम स्टडी तैयार की गई है। इसे विदेशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की ओर से जांचा गया है। भूस्खलन से बचने के लिए पोरल स्टेबलाइजेशन किया गया है। सभी बातों का ध्यान में रखकर सुरंगों का डिजायन तैयार किया गया है। सभी पैकेज में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इस काम के लिए सभी पैकेज पर एक ठेकेदार और आरवीएनएल का एक-एक कर्मचारी तैैनात रहता है। किसी भी प्रकार आपदा से बचने के लिए सुरंगों को सुरक्षित बनाया जा रहा है।
आरवीएनएल के परियोजना प्रबंधक ओपी मालगुडी ने बताया कि रेलवे सुरंग के समातंर निकासी सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। कई सुरंगों को सड़क से जोड़ा जा रहा है। चार प्रकार की सुरंगें बनाई जा रही हैं। बताया कि यदि रेलवे ट्रैक के साथ ही निकासी सुरंग और अन्य सुरंगों की बात करें तो अभी तक करीब 208 किलोमीटर सुरंगों का निर्माण किया जा चुका है।