उत्तराखंड: इस जिले की जेल में कैदी बना रहे तिरंगे, इतने हजार तिरंगों का रखा है लक्ष्य

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हरिद्वार: स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत उत्तराखंड की जेलों के कैदी बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय ध्वज तैयार कर रहे हैं। हरिद्वार जेल के कैदी भी अभियान को सफल बनाने में योगदान दे रहे हैं। कैदियों द्वारा विभिन्न आकारों के राष्ट्रीय ध्वज बनाए जा रहे हैं, और इसका उद्देश्य 15 अगस्त से पहले कम से कम 10 हजार झंडे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला प्रशासन की मदद से झंडे खुले बाजार में बेचे जाएंगे।

जिला कारागार हरिद्वार में तिरंगा झंडे तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए कैदियों को 20 सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। बंदी व कैदी मिलकर तिरंगा झंडे बनाने में जुटे हैं। बंदियों और कैदियों में तिरंगा बनाने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव में बंदी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तिरंगा झंडा तैयार कर रहे हैं। जेल में की चाहरदीवारी के भीतर सिलाई मशीनों की कमान बंदियों व कैदियों ने संभाली है।

जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया करीब दस हजार तिरंगा झंडे बनाने का लक्ष्य रखा गया है। झंडे तैयार होने के बाद बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। कारागार में बंदियों और कैदियों से मुलाकात करने पहुंचने वालों को भी एक-एक तिरंगा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये झंडे लोगों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में केंद्र सरकार की पहल ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कैदियों को राष्ट्रगान और स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के स्मारक गाने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। जेल में एक विशेष स्वच्छता अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है। स्वतंत्रता दिवस पर बंदियों के लिए विभिन्न खेल गतिविधियां व पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।