3 दिनों से प्रशासन और बेरोजगार युवाओं के बीच चल रही रस्साकशी, गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की मांग

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Dehradun Berojgar Protest: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पिछले तीन दिनों से छात्रों और शासन-प्रशासन के बीच जबरदस्त रस्साकसी चल रही है। प्रशासन को चिंता है कि युवा उग्र होकर कहीं फिर से कुछ हुड़दंग न कर दें। वहीं, छात्रों को रविवार को होने वाली पटवारी भर्ती परीक्षा की चिंता है तो साथ ही अपने नेता का इंतजार भी। आलम ये है कि छात्रों ने ऐलान कर दिया है कि जब तक बॉबी भाई रिहा होकर उनके बीच नहीं आ जाते, तब तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे। चाहे उन्हें अपना पेपर ही क्यों न छोड़ना पड़े। वहीं हंगामे की आशंका को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात है। देहरादून में प्रदर्शन के दौरान उग्र हुए बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को उत्तराखंड बेरोजगार संघ का प्रदेश बंद बेअसर रहा। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बेरोजगार युवाओं ने प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन किया।

देर शाम तक भी समझाने के बावजूद जब ये लोग धरने से नहीं उठे तो उत्तराखंड बेरोजगार संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव से वार्ता की। उन्होंने भी छात्रों को समझाया, लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने छात्रों को साथ लेकर डीएम से वार्ता की। बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने धरने पर बैठे छात्रों का समझाया कि उनकी मांगों को मानने के लिए प्रशासन तैयार है। बॉबी पंवार पर लगाई गई धारा 307 को हटा दिया गया है और शनिवार को उनकी रिहाई भी हो जाएगी। पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली की एसआईटी की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में करवाई जाएगी।

रात के समय न्यूनतम पारा लगभग 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। इस ठंड में भी लगभग सौ छात्र खुले आसमान के नीचे बस एक दरी बिछाकर बैठे रहे। इनके साथ चार-पांच छात्राएं भी मौजूद रहीं। वहीं, पुलिस फोर्स भी रातभर इनकी सुरक्षा में तैनात रही। इस दौरान समाजसेवी, आंदोलनकारियों और एसएफआई छात्र संगठन ने वहां बैठे छात्रों के खाने-पीने का इंतजाम किया। पहले पेपर लीक होने के कारण निरस्त की गई पटवारी भर्ती परीक्षा रविवार को होनी है, जिसके कारण धरने में छात्रों की संख्या कम हो गई है। देहरादून में 29 हजार छात्र परीक्षा देंगे, जिसके लिए 72 सेंटर बनाए गए हैं। वहीं, राज्यपाल ने नकल विरोधी कानून को मंजूरी दी है, जिसके बाद प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू हो गया है। आंदोलनकारी युवाओं की मांग के अनुसार ही पुराने प्रश्नपत्र रद्द कर दिए गए हैं और परीक्षा के लिए लोक सेवा आयोग नए प्रश्न पत्र तैयार कर चुका है।