H3N2 Virus in Uttarakhand: उत्तराखंड में सीजनल इन्फ्लूएंजा के मामले लगातार आ रहे हैं। अधिकांश मरीज ओपीडी में परामर्श लेने के बाद घर पर ही उपचार कर रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कालेज की वायरोलाजी लैब में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के दो मामले सामने आए हैं। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है। हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि जितने सैंपल की जांच हुई है, उसकी तुलना में यह संख्या काफी कम है। इन्फ्लूएंजा के नए वायरस H3N2 के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है।
उत्तराखंड डीजी हेल्थ डॉ विनीता शाह ने कहा इन्फ्लूएंजा वायरस के दस्तक देने से पहले ही जनवरी में एडवाइजरी जारी की गई थी, लेकिन एक बार फिर सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। डीजी हेल्थ डॉ विनीता शाह ने कहा यदि किसी मरीज को कॉमन कोल्ड जैसे लक्षण हो तो उस मरीज को आइसोलेट होने के बाद एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए मास्क लगाना चाहिए। यदि ऐसे मरीजों में कोई कॉम्प्लिकेशन पाए जाते हैं तो, उन्हें तत्काल चिकित्सक की राय लेनी जरूरी है। उन्होंने कहा विशेष रूप से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और सांस के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
डीजी हेल्थ डॉ विनीता शाह ने जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि इन्फ्लूएंजा वायरस के मरीजों की सघन निगरानी की जाए और साथ ही हर मरीज की आईएचआईपी पोर्टल में एंट्री की जाए। जिलों के सीएमओ को अस्पतालों में मास्क, दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जागरूकता अभियान चलाने को भी कहा है। ताकि लोग इन्फ्लूएंजा के नए वायरस के प्रति जागरूक हो सके। दरअसल स्वास्थ्य विभाग इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी करने जा रहा है। उत्तराखंड की डीजी हेल्थ का कहना है कि इन्फ्लूएंजा से घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां कॉमन इन्फ्लूएंजा वायरस है। यह एक सामान्य फ्लोर की तरह है, लेकिन इसके प्रति लोगों को सतर्कता बरतनी जरूरी है।