भिड़ गए BJP – Congress के दो बड़े नेता!| Uttarakhand News | Pritam Singh Vs Munna Singh Chauhan

Spread the love

जी हां जनमुद्दे एक तरफ जनता की बात एक तरफ लेकिन अपने उत्तराखंड वाले विधायकों को गुस्सा बहुत आने लगा है, वो फिर पक्ष वाले हों या विपक्ष वाले। क्यों जौनसार के दो बड़े नेताओं ने हद कर दी पार कैसे डेमोग्राफी चेंज पर दोनों नेताओं की बीच हो गई जंगे ऐ आरपार। Pritam Singh Vs Munna Singh Chauhan दोस्तो उत्तराखंड डेमोग्राफी बदलाव को लेकर हाल के दिनों में खूब सवाल जवाब हुआ है। मामले को लेकर सियासी गरमागरमी देखने को खूल मिली है। जौनसार के दो बड़े नेता—बीजेपी से मुन्ना सिंह चौहान और कांग्रेस के प्रीतम सिंह का जब आमना-सामना हुआ था महौल कुछ ऐसा था जैसे जंग का मैदान हो। जी हां दोस्तो सदन में बहस इतनी तीखी हो गई कि नेताजी को गुस्सा आ गया और सदन का माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण बन गया। बनभूलपुरा में अवैध लोगों को हटाने और प्रदेश में डेमोग्राफिक बदलाव के मुद्दे पर दोनों नेताओं की बहस ने राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया।

दोस्तो उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में विधानसभा तक विशेष सत्र आहूत हुआ। इस दौरान विधानसभा में जौनसार के दो नेताओं मुन्ना सिंह चौहान और प्रीतम सिंह के बीच तीखी बहस हो गई। दोनों नेताओं को सियासी प्रतिद्वंदी भी माना जाता है। दरअसल दोस्तो 25 साल के उत्तराखंड में विकास के कामों और ज्वलंत मुद्दों पर सदस्य चर्चा कर रहे थे। चकराता विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी प्रीतम सिंह बोल रहे थे तो मुन्ना सिंह चौहान बार बार उठकर अध्यक्ष के सामने अपनी बात रख रहे थे। डेमोग्राफिक चेंज और अवैध लोगों को हटाने के मामले पर मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि बनभूलपुरा में जब अवैध लोगों को हटाया तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्च चली गई। इस पर कांग्रेस के तमाम विधायकों ने कड़ा एतराज जताया और मुन्ना सिंह को घेर। जी हां दोस्तो मामला अभी आगे बढ़ा ही था कि बार बार टोकने से प्रीतम सिंह गुस्से में आग बबूला हो गये। मुन्ना सिंह चौहान ने फिर टोका तो प्रीतम सिंह गुस्से में बोल पडे क्या दिक्कत है यार। बार बार इसी तरह बीच में बोल रहा है, इस पर मुन्ना सिंह ने भी जवाब में कहा कि मुझे धमकाने की कोशिश मत करन, धमकाना मत। दोनों के बीच कुछ सेंकेड तक गरमागरमी चलती रही। वैसे दोस्तो ये दोनों नेता इनका परिवार लंबे वक्त से आमने सामने रहा ये लड़ाई सालों की है। गुस्सा भी कई सालों कई चुनावों का है, दोस्तो उत्‍तराखंड की राजधानी है। इसके तकरीबन 80 क‍िमी दूर बेहद ही खूबसूरत जौनसार बावर क्षेत्र  इस क्षेत्र के पूर्व में यमुना बहती है तो पश्‍च‍िम में टोंस नदी स्‍थ‍ित है। बस टोंस नदी ही है, जो उत्तराखंड को हिमांचल से अलग करती है। इसी जौनसार बावर का मुख्‍य बाजार चकराता है। यह क्षेत्र ज‍ितना खूबसूरत है, उतना ही द‍िलचस्‍प चकराता विधानसभा सीट का राजनी‍त‍िक इत‍िहास रहा है। उत्‍तराखंड बनने के बाद से ही कांग्रेस का इस सीट पर कब्‍जा है।

प्रीतम स‍िंह अब तक 5 बार व‍िधानसभा पहुंच चुके हैं, ज‍िसमें राज्‍य बनने के बाद हुए चारों चुनावों में कांग्रेस के द‍िग्‍गज नेता प्रीतम स‍िंह ने जीत दर्ज थी, तो वहीं व‍िभाजन से पहले हुए 1996 के चुनाव में भी प्रीतम स‍िंह व‍िजय हुए। अब आप कहेंगे क‍ि प्रीतम स‍ह के वर्चस्‍व वाली इस सीट में द‍िलचस्‍प क्‍या है, फिर यहां नाम आया है चौहान परिवार का मुन्ना सिंह चौहान का, उत्‍तराखंड की राजनीत‍ में मुन्‍ना स‍िंह चौहान और प्रीतम स‍िंह दोनों ही बेहद लोकप्र‍िय है और दोनों  के बीच होने वाली राजनीत‍िक वर्चस्‍व की लड़ाई क‍िसी ने छुपी नही है। असल में दोनों के बीच इस सीट पर 1991 से राजनीत‍िक वर्चस्‍व की लड़ाई होती रही है। इस सीट से 1991 में मुन्‍ना स‍िंह चौहान जनता दल के ट‍िकट से जीत कर व‍िधानसभा पहुंचे, तो कांग्रेस के प्रीतम स‍िंह को हारना पड़ा. वहीं 1996 के चुनाव में प्रीतम स‍िंह ने मुन्‍ना सि‍ह चौहान को शि‍कस्‍त दी। इसके बाद 2002, 2007, 2012 और 2017 में प्रीतम स‍िंह ने जीत दर्ज की, लेक‍िन मुन्‍ना स‍िंह क‍िसी ना क‍िसी तरह प्रीतम स‍िंह के ल‍िए चुनौती रहे. 2017 में विसनगर से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज करने वाले मुन्‍ना स‍िंह की जिला पंचायत अध्‍यक्ष पत्‍नी मधु चौहान ने प्रीतम स‍िंह के व‍िरोध में चुनाव लड़ा और मामूली डेढ हजार के अंतर से हार गई, तो दोस्तो पहले चुनावी मैदान में आमना-सामना और अब सदन में हंगामा यानि ये जंग पूरानी है लेकिन आज टकराव जनमुद्दों पर हो रहा है।