UKSSSC पेपर लीक पर सामने आया ये बड़ा UPDATE ! | Bobby Panwar | Uttarakhand News | UKSSSC | CM Dhami

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उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक मामले में जांच में नया मोड़ सामने आया है। प्रोफेसर सुमन की भूमिका अब संदिग्ध मानी जा रही है और सीबीआई की कार्रवाई के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। UKSSSC paper leak सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी है। अब सवाल ये है कि सुमन और बॉबी पंवार के बीच क्या था संबंध और इस पेपर लीक के पीछे असली कहानी क्या है? दोस्तो एक बेहद अहम मामले पर नया अपडेड लेकर आया हूं और कई सवालों के साथ आया हूं। दोस्तो पेपर लीक वाला मामला हम सब ने बहुत करीब से देखा है, लेकिन उत्तराखंड में पिछले दिनों छाए रहने वाले पेपर लीक मामले में नया मोड़ आया है. प्रकरण में प्रोफेसर सुमन की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है और शायद इसीलिए सीबीआई पहले ही प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार भी कर चुकी है। ताजा अपडेट ये है कि गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर सुमन द्वारा लगाई गई जमानत याचिका को भी सीबीआई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब सवाल ये भी क्या जिस एंगल से अब तक इस पूरे मामले की जांच हो रही थी। उससे इतर भी इस मामले में कुछ है क्या इस मामले को उजागर करने वालों पर ही अब सीबीआई की शक की सूई जा रही है या फिर क्या प्रो. सुमन को हथियार बनाया जा रहा है। सीधी कहुं तो फंसाया जा रहा है। वैसे हम सब को दोस्तो सीबीआई जांच में इस मामले में बड़ी मछलियों ने नाम सामन लाने का इंतजार है। लेकिन अभी सीबीआई की टीम प्रो. सुमन तक ही पहुंच पाई है।

खैर आगे खबर बताता हूं दोस्तो उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र से पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। इस दौरान प्रश्न पत्र के तीन पेज पेपर खत्म होने से पहले ही सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गए थे। खास बात य़े है कि इस दौरान बेरोजगार संघ के बॉबी पंवार ने पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए बड़ी मिली भगत की तरफ इशारा किया था हालांकि इस दौरान बेरोजगार संघ बॉबी पवार को पेपर पहुंचाने वाली प्रोफेसर सुमन को इनफॉर्मर के रूप में बात कर उसके पक्ष में भी दिखाई दिया था। दोस्तो खास बात ये भी कि शुरुआती जांच में पुलिस ने प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार ना करते हुए उसकी भूमिका को सूचना देने के रूप में बताया था लेकिन सीबीआई की एंट्री होते ही मामले में प्रोफेसर सुमन की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आई है। दरअसल परीक्षा केंद्र से मोहम्मद खालिद ने पेपर सोशल प्लेटफार्म के जरिए बाहर भेजा था और इसके बाद प्रोफेसर सुमन को प्रश्न पत्र हल करके भेजने के लिए कहा गया था। दगड़़ियो इस मामले में बेरोजगार संघ ने बड़ा आंदोलन खड़ा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी और इसी आधार पर सरकार ने भी प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे। खास बात ये है कि सीबीआई ने अपनी जांच शुरू करते ही प्रोफेसर सुमन की भूमिका को संदिग्ध पाया है और इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी भी की गई है। ये बताया गया है कि प्रोफेसर सुमन की खालिद से पुरानी जान पहचान थी और वो परीक्षा से पहले भी उसके संपर्क में थी।

दोस्तो इधर सीबीआई कोर्ट ने प्रोफेसर सुमन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और इसके बाद अब ये माना जा रहा है कि सुमन की मुश्किलें बढ़ने जा रही है। फिलहाल इस प्रकरण में अब सीबीआई बॉबी पंवार की भूमिका की भी जांच कर रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि परीक्षा केंद्र से बाहर पेपर लीक होने की जानकारी बॉबी कुमार ने ही दी थी और प्रोफेसर सुमन ने ही बॉबी पवार को प्रश्न पत्र के तीन पेज भेजे थे तो क्या अब बॉबी पंवार को लेकर कोई खबर ऐसी आ सकती है, ये इसलिए क्योंकि UKSSSC पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कर रही है। बीती 28 नवंबर को मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद के लिए पेपर हल करने वाली पहली आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद सोमवार 1 दिसंबर को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार से सीबीआई ने पूछताछ की. बॉबी पंवार से करीब 9 घंटे की लंबी पूछताछ हुई और जब वो बाहर आए थो सरकार पर गंदे तरीके से विफरते दिखाई दिए थे। लेकिन अब दोस्तो जांच में आगे ये भी देखा जाएगा कि आखिरकार प्रोफेसर सुमन ने बॉबी कुमार को ही ये प्रश्न पत्र क्यों भेज और क्या बॉबी कुमार और प्रोफेसर सुमन की पहचान पहले से ही थी और इसके पीछे के तमाम तथ्यों को भी सीबीआई जांच के दायरे में रखेगी। इतना ही नहीं इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के जरिए भी उनके आपसी संपर्क ये पहचान को लेकर भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी, वैसे इंतजार करना होगा पूरे खेल के अंत का।