देहरादून: 2016 से चेयरमैन के पद पर तैनात उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस राजू ने स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले के बाद आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एस राजू ने कहा कि उनके कार्यकाल में आयोग ने अब तक 88 परीक्षा कराई हैं। जिसमें से दो में गड़बड़ी सामने आई। पहले फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में धांधली सामने आई थी। तब भी आयोग ने जांच बैठाई थी।
मुख्य सचिव डा. एसएस संधु ने एस. राजू का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। इस घटनाक्रम के बाद आयोग की भविष्य में करीब सात हजार पदों के लिए होने वाली आठ भर्ती परीक्षाएं भी खटाई में पड़ गई हैं। अध्यक्ष एस. राजू ने त्यागपत्र की घोषणा करने के साथ ही बड़ा रहस्योद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि चयन आयोग पर कोचिंग इंस्टीट्यूट और नकल माफिया का दबाव है। प्रश्न उठाया कि इस पूरे प्रकरण पर सरकार मौन क्यों है? एस. राजू ने कहा कि शिक्षा से जुड़े परीक्षा माफिया आयोग को अपनी गिरफ्त में लेना चाहते हैं। इसलिए वह आयोग को बदनाम कर रहे हैं।
इंस्टीट्यूट माफिया पहले भर्ती परीक्षा में नकल को अंजाम देते हैं और पकड़े जाने पर आयोग को बदनाम करते हैं। उन्होंने नाम लिए बिना आयोग के एक पूर्व सदस्य का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जानकारी है, लेकिन वह चुप्पी साधे हुए हैं। एस. राजू ने कहा कि वह पिछले कुछ समय से आहत हैं। कई लोग भर्ती परीक्षा में उनपर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। मेरे सिर पर किसी नेता का हाथ नहीं है। सरकार चाहे तो उनकी संपत्ति की जांच करवा सकती है।
उन्होंने कहा कि आयोग को 100 कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन यहां केवल 35 उपलब्ध हैं। इसके बावजूद स्नातक स्तरीय परीक्षा में अभी तक आयोग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का नाम न आना उनकी पारदर्शिता को बया करता है। कार्यकाल पूरा होने से पहले त्यागपत्र देने वाले एस. राजू आयोग के दूसरे अध्यक्ष हैं। इससे पहले आयोग के प्रथम अध्यक्ष आरबीएस रावत ने भी ग्राम विकास अधिकारी के पदों की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बाद त्यागपत्र दे दिया था।