उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को प्रदेश की जनता अब गंभीरता से ले रही है। यही कारण है कि रोजाना सैकड़ों लोग रजिस्ट्रेशन और अन्य कामों के लिए इसकी वेबसाइट पर विजिट कर रहे हैं। Uniform Civil Code in Uttarakhand वही, पंजीकरण के आवेदनों पर यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की झूठी शिकायत करता है, तो उस पर सख्त जुर्माना लग सकता है। अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती ने बताया कि समान नागरिक संहिता के तहत होने वाले आवेदनों और पंजीकरणों को हर तरह से विवाद रहित बनाने का प्रयास किया गया है। इसके तहत समान नागरिक संहिता नियमावली के अध्याय-6 के नियम-20 (उपखंड 2) में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति, किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ मिथ्या शिकायत दर्ज कराता है तो उसे पहली बार में भविष्य के लिए सचेत किया जाएगा।
यदि फिर भी आवेदन या पंजीकरण से जुड़े किसी भी अन्य मामले में मिथ्या शिकायत दर्ज करता है तो उस पर 5000 रुपये और तीसरी बार झूठी शिकायत करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। शिकायतकर्ता को इसका भुगतान 45 दिन के भीतर ऑनलाइन तरीके से करना होगा। यदि वह ऐसा करने में असफल रहता है तो जुर्माने की वसूली भू-राजस्व की तर्ज पर तहसील के माध्यम से की जाएगी। वहीं अब समान नागरिक संहिता के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं का पंजीकरण कराने के समय दी जाने वाली जानकारी तक किसी तीसरे व्यक्ति की पहुंच नहीं होगी। केवल पंजीकरण की संख्या ही सार्वजनिक हो सकेगी और इसमें किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी शामिल नहीं होगी।