ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर कई लोग हजारों, लाखों रुपये गंवा देते हैं। उसी गेमिंग के विज्ञापन सोशल मीडिया, टीवी पर दिखाए जाते हैं। Students in debt for online games युवा इन विज्ञापनों को नजरअंदाज कर यह गेम खेलते हैं। इसमें कभी-कभी नाबालिग बच्चे भी अपने माता-पिता की जानकारी के बिना लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। ऑनलाइन गेम के कर्ज में डूबे कक्षा 12वीं के एक छात्र ने आत्मघाती कदम उठाकर जीवन लीला समाप्त कर ली है। छात्र रुद्रपुर का रहने वाला है। सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र मौत हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, रुद्रपुर की आदर्श कालोनी में रहने वाला 18 वर्षीय सागर एक साल से रुपये लगाकर ऑनलाइन गेम खेल रहा था।
छात्र के चाचा ने बताया कि सालभर पहले स्वजन ने बेटे को ऑनलाइन गेम न खेलने की नसीहत दी थी। इस पर छात्र ने आगे से गेम नहीं खेलने की बात कही, लेकिन उसके गेम खेलने की लत नहीं छूटी। चाचा के अनुसार, भतीजा पिछले कुछ महीने से लगातार तनाव में था। ऑनलाइन गेम के चक्कर में उसके कर्ज में डूबने की बातें कहीं जा रही है। इससे आहत होकर मंगलवार रात सागर ने जहर खा लिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। स्वजन उसे पहले रुद्रपुर के निजी अस्पताल ले गए, जहां से गंभीर हालत में छात्र को डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी रेफर किया गया। बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। छात्र के पिता खोखा चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। सागर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था।