उत्तराखंड: 17 साल बाद मां से ऐसे मिला ‘जिगर का टुकड़ा’, दून पुलिस ने निभाया मानवता का फर्ज

16 सालों से लापता बेटे को उसकी मां से मिलाकर दून पुलिस ने मानवता का फर्ज निभाया है।

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देहरादून पुलिस ने 17 साल बाद एक बेटे को अपनी मां से मिलाकर मानवता का फर्ज निभाया है। Dehradun Kidnapped Youth 16 09 वर्ष की आयु में एक व्यक्ति का अपहरण कर राजस्थान में किसी अनजान जगह पर ले जाने की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद एचटीयू की टीम द्वारा सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से युवक के परिजनों की तलाश की गई। जिसके बाद एक बुर्जुग महिला ने वर्ष 2008 में अपने बेटे की लापता होने की जानकारी दी गई और फिर मां और बेटे को मिलाया गया। 25 जून 2024 को एक व्यक्ति द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित एएचटीयू के कार्यालय में आकर बताया कि उसे लगभग 18 से 19 वर्ष पूर्व जब उसकी आयु लगभप 09 वर्ष थी एक व्यक्ति द्वारा घर के पास से उठाकर राजस्थान में किसी अनजांन जगह पर ले जाया गया, जहां उनके द्वारा उससे भेड-बकरी चराने का कार्य करवाया जाता था।

वर्तमान में किसी व्यक्ति की सहायता से वह देहरादून पहुंचा पर उसे अपने घर का पता व परिजनो के सम्बंध में कोई जानकारी याद नही है और न ही उसे अपने असली नाम याद है। उसे यह याद था कि उसके पिताजी की परचून की दुकान थी और घर पर उसकी माताजी और 04 बहने थी। पुलिस की ओर से पहले व्यक्ति की खाने व रूकने की व्यवस्था की गई। इसके बाद सोशल मीडिया व पम्पलेट के माध्यम से युवक की जानकारी शेयर की गई। आज 01 जुलाई 2024 को ब्राह्रमणवाला निवासी एक महिला आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा द्वारा समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को पढकर एएचटीयू कार्यालय में आकर जानकारी दी। कि उनका पुत्र जिसका नाम मोनू था, वर्ष 2008 में घर से गायब हो गया था, जिसके उनके द्वारा उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश व अन्य कई स्थानो पर काफी तलाश किया गया, पर उसके सम्बंध में कोई जानकारी प्राप्त नही हो पाई, जिस पर उक्त युवक को महिला से मिलवाया गया, तो महिला द्वारा बतायी गई बातो को याद करते हुए उक्त युवक द्वारा महिला की पहचान अपनी मॉ के रूप में की गई।