उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों से आप अच्छी तरह वाकिफ हैं। कई बार राज्य में आपदा जैसे हालात बन जाते हैं। ऐसे में अगर कोई मरीज आपदा के बीच फंस गया या सुदूर गांव में किसी की तबीयत बिगड़ जाए, तो बड़ी परेशानी होती है। आपदा या किसी हादसे के दौरान मरीजों को अगले एक घंटे के भीतर किसी बड़े अस्पताल में ले जाने की आवश्यक होती है. ऐसे में इस गोल्डन आवर के भीतर मरीजों को अस्पताल में पहुंचाने के लिए पहाड़ में एयर एंबुलेंस की बेहद आवश्यकता है.अब खबर है कि पायलट प्रोजक्ट के तौर पर अगले एक साल के लिए हेली एंबुलेंस चलाया जाना प्रस्तावित है.
इसे लेकर टेंडरिंग प्रक्रिया और पार्ट पेमेंट भी भारत सरकार की ओर से किया जाना है. साथ ही इसके लिए राज्य सरकार की भी कुछ सहभागिता होगी. एयर एंबुलेंस के संचालन के संबंध में आवश्यक क्लीयरेंस राज्य सरकार की ओर से दिया जाना था, जिसकी क्लीयरेंस दे दी गई है. साथ ही एयर एंबुलेंस को लेने में जो खर्च आएगा, उसमें से आधा खर्च उत्तराखंड सरकार को भी वहन करना होगा. हालांकि, इन सभी मामलों में राज्य सरकार की सहमति के बाद एयर एंबुलेंस के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. जैसे ही टेंडर प्रक्रिया संपन्न होगी एयर एंबुलेंस को ऋषिकेश में तैनात कर दिया जाएगा.इसके साथ ही एयर एंबुलेंस का उत्तराखंड में संचालन शुरू हो जाएगा.