उत्तराखंड में बीजेपी के भीतर से ही क्यों उठने लगे सवाल, क्यों मौजूदा आध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष आ गए आमने सामने, बीजेपी के अंदरूनी गलियारों में उठ रहे हैं तीखे सवाल, जहाँ आमने-सामने खड़े हैं मंदिर समिति के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष। Ajendra Ajay Hemant Dwivedi controversy क्या ये सिर्फ एक मामूली विवाद है, या छुपी है इसके पीछे कोई बड़ी सियासी जंग? मंदिर समिति की कुर्सी बनी है नए राजनीतिक ड्रामे का अखाड़ा — और अब हर कोई जानना चाहता है, आगे क्या होगा इस मामले का अंजाम? जी हां दोस्तो उत्तराखंड में भाजपा के दो बड़े नेताओं के बीच में तीखी तकरार देखने को मिल रही है, ये दोनों ही नेता बदरी केदार मंदिर समिति से जुड़े हैं। इनमें एक पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय है, दूसरे नेता वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी हैं।दोनों नेताओं के बीच तकरार बदरी केदार मंदिर समिति में गणेश गोदियाल के लगाये गये आरोपों के बाद शुरू हुई है। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने बदरी केदार मंदिर समिति में भाजपा के पिछले कार्यकाल से लेकर अब तक चली आ रही अनियमिताओं को लेकर सवाल खड़े किये हैं। दगड़ियो कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने मंदिर समिति में अजेंद्र अजय के कार्यकाल के दौरान के कई मुद्दों पर सवाल खड़े किये। जिसमें से एक मुद्दा अजेंद्र अजय के कार्यकाल के दौरान उनके भाई की नियुक्ति और वेतन वृद्धि से भी जुड़ा है। इसे लेकर जब वर्तमान बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा वह इस पर जांच कराएंगे, बस यही बात अजेंद्र अजय को नागवार गुजरी, इसके बाद उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को उनके तमाम कार्य याद दिला दिये।
दोस्तो कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने मुद्दा उठाया था कि बतौर मंदिर समिति के अध्यक्ष रहते अजेंद्र अजय ने कई अनियमितताएं की। जिसमें उन्होंने अपने भाई को लाभ पहुंचाने का काम भी किया। इस पर जब मंदिर समिति के वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो इस पर जांच कराएंगे। इसी बात से नाराज हुए पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंदिर समिति में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को बताया कि वो कौन-कौन से कार्य मंदिर समिति के अधूरे छोड़कर गए थे। उन पर वर्तमान अध्यक्ष ने क्या कुछ एक्शन लिया? दोस्तो मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष रहे अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की कार्य प्रणाली पर तंज कसा। उन्होंने कहा उनके द्वारा उनके भाई की वेतन वृद्धि की जांच को लेकर जो बयान दिया गया है वो केवल बयानबाजी तक सीमित ना रहे। जल्द इसकी जांच करवाएं, इसके अलावा उन्होंने हेमंत द्विवेदी को यह भी याद दिलाया है कि साल 2010-11 से लगातार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे बीडी सिंह के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए। अजेंद्र अजय ने कहा उनके कार्यकाल में बीडी सिंह को हटाया गया था। VRS लेकर बीडी सिंह आज भी मंदिर समिति के साथ चिपके हुए हैं। यह सोचने वाली बात है।अजेंद्र अजय ने वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को याद दिलाया कि केदारनाथ में एक क्यूआर कोड का प्रकरण बहुत तेजी से उठा था। जिस पर उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया था। उस पर उन्होंने वर्तमान अध्यक्ष को संज्ञान लेने की नसीहत दी। उन्होंने कहा उनके कार्यकाल में चमोली पुलिस ने इस मामले पर बहुत तेजी दिखाई थी। अब वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के कार्यकाल में इस मामले में पुलिस ढीली क्यों पड़ गई है? इस पर भी हेमंत द्विवेदी को जवाब देना चाहिए, लेकिन मौजूदा मंदिर समिति के अध्यश्र हेमंत द्विवेदी ने क्या कहा जिसके बाद बीजेपी के ये दोनों नेता आमने सामने आ गए। जी हां दोस्तो ये वो बयान है जिस बयान के बाद दोनों यानि पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष आमने सामने आ गए।
हेमंद द्विनेदी की जांच की बात कहने पर अजय अजेन्द्र ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वहीं, दोस्तो इसके अलावा वर्तमान में मंदिर समिति में कार्यरत मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल की नियुक्ति पर भी अजेंद्र अजय सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल मंदिर समिति की सेवा नियमावली के अनुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अर्हता नहीं रखते हैं। उन्होंने बताया उनके कार्यकाल में पहली बार सेवा नियमावली तैयार की गई। इस सेवा नियमावली के अनुसार मंदिर समिति का मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्लास वन ऑफिसर होना चाहिए। अभी जो अधिकारी तैनात है वह क्लास वन तो छोड़िए क्लास 2 की भी अहर्ता नहीं रखता है। अजेंद्र अजय ने कहा उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी को शिकायत की थी। उन्होंने कहा बीकेटीसी के अध्यक्ष को इन तमाम मामलों पर भी ध्यान देना चाहिए। दोस्तो उत्तराखंड की राजनीति में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय और वर्तमान अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के बीच तकरार गहराती जा रही है, और कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल के आरोपों ने इस विवाद को और भड़काया है। अब सवाल ये है कि क्या मंदिर समिति की ये लड़ाई सियासी रंग धारण कर रही है, या दोनों पक्ष इस मामले को सुलझा पाएंगे? आने वाले दिनों में इस विवाद की गहराई और इसके राजनीतिक नतीजे साफ होंगे। हम इस खबर पर लगातार नजर बनाए रखेंगे।