रिंग रोड पर किसान भवन के पास 16 जून 2018 को एक कार में शिक्षक किशोर चौहान मूल निवासी गहड़ हिंडोलाखाल टिहरी का शव मिला था। हत्या का खुलासा हुआ तो पता लगा कि आठ जून को एक होटल में शिक्षिका स्नेहलता और सिपाही अमित कार्ले ने किशोर की हत्या की योजना बनाई थी। दोनों के बीच काफी समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। एक-दूसरे के साथ जीने की चाहत में दोनों ने शिक्षक को रास्ते से हटा दिया। सिपाही अमित पार्ले उस वक्त हरिद्वार में तैनात था। स्नेहलता और अमित कॉलेज के समय से एक-दूसरे को जानते थे। 2017 में एक बार फिर स्नेहलता और सिपाही की मुलाकात हुई थी, जिसका अंजाम अब ताउम्र जेल में कैदी बनकर रहना होगा।
पुलिस के अनुसार, दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत बीए की पढ़ाई के दौरान हुई थी। 1999 में अमित डीएवी, जबकि स्नेहलता डीबीएस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रही थी। दोनों के बीच तब अच्छे रिश्ते थे। 2000 में अमित आईटीबीपी में भर्ती हो गया। लेकिन, स्नेहलता आगे पढ़ाई करती रही। 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती होने पर अमित ने आईटीबीपी छोड़ दी। 2004 में अमित और 2005 में स्नेहलता की अलग-अलग जगह शादी हो गई। इसके बाद दोनों एक-दूसरे के संपर्क से दूर हो गए। सितंबर 2017 में सोशल साइट फेसबुक के जरिए दोनों फिर एक-दूसरे के संपर्क में आए। दोनों के बीच प्यार तेजी से परवान चढ़ने लगा। मुलाकात का दौर शुरू हुआ। स्नेहलता से मिलने के चक्कर में अमित ने किशोर से भी दोस्ती गांठी। हरिद्वार में सिपाही अमित जब भी देहरादून में अपने घर आता तो स्नेहलता से भी मिलता। इसकी भनक स्नेहलता के पति को लगी तो उन्होंने विरोध किया। लिहाजा, दोनों ने किशोर को रास्ते से हटाने की ठान ली। तब शिक्षक किशोर जीआईसी सजवाण कांडा देवप्रयाग में तैनात थे। स्नेहलता जीआईसी शिवाली घाट ऊखीमठ रुद्रप्रयाग में शिक्षिका थी।
वारदात के दिन नशे में थे किशोर
सिपाही से पत्नी के अवैध रिश्ते का पता लगने पर किशोर डिप्रेशन में रहने लगे थे। इसके चलते वह शराब पीने लगे थे। 15 जून को किशोर पत्नी से विवाद के बाद सुबह से शराब पीने लगे। शाम को किशोर बेसुध हुए तो स्नेहलता पति को कार में बिठाकर आराघर चौक पहुंची। यहां चौकी के नजदीक खड़े अमित को देखकर स्नेहलता कार से उतर गई और पति को अमित के हवाले कर दिया। अमित ने पुलिस को बताया था कि वह कार को सर्वे चौक, राजपुर रोड, आईटी पार्क होते हुए रिंग रोड पहुंचा और इसके बाद गला दबाकर किशोर की हत्या कर दी। किशोर का मोबाइल भी झाड़ियों में फेंक दिया था। हालांकि, यह बरामद नहीं हुआ।
अमित ने साक्ष्य मिटाए
स्नेहलता और खुद को बचाने के लिए अमित हर साक्ष्य खत्म करना चाहता था। वारदात से पहले शिक्षिका से वह फोन पर कम संपर्क करने लगा था। हत्या के दिन भी वह अपना मोबाइल फोन हरिद्वार छोड़कर आया था। ताकि, पुलिस उसकी लोकेशन न जान सके। जबकि, हत्या के दौरान संपर्क के लिए अमित ने दूसरा फोन लिया था।