उत्तराखंड में बिजली की खपत और लागत को लेकर सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अब हर महीने बिजली के दाम बदलते रहेंगे। जी हां उत्तराखंड में अब प्रत्येक महीने में बिजली बिल पर फ्यूल चार्ज समायोजन (एफएसए) तय किया जाएगा। जिसके तहत ही हर माह बिजली का बिल घट या बढ़ सकता है। जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। केंद्र सरकार के विद्युत अधिनियम में बदलाव होने के बाद फ्यूल चार्ज समायोजन हर महीने तय करके इसे उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर लागू करना होगा। फ्यूल चार्ज के तहत ही बिजली का बिल हर महीने घटता बढ़ता रहेगा। एसएसए की दरें बढ़ने पर बिजली महंगी होगी वही दरें घटने पर सस्ती होगी। कोई बदलाव ना होने पर यह दर यथावत रहेगी।
बताया जा रहा है कि ऊर्जा निगम ने विद्युत नियामक आयोग से हर महीने एसएसए तय करने का फार्मूला देने और इसे लागू करने का प्रस्ताव भेजा है। साथ ही विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव पर आम जनता से सुझाव की मांग की है। जनसुनवाई के सभी पक्षों के सुझाव आने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले यह चार्ज हर 3 महीने में लागू किया जाता था। एफएसए तय होने के बाद प्रत्येक महीने बिजली का बिल घटता या बढ़ता रहेगा। बताया जा रहा है कि एफएसए का निर्धारण बाजार में कोयले की कीमतों के आधार पर तय होता है। देश में कई थर्मल पावर प्लांट मौजूद है, ऊर्जा निगम इन्हीं थर्मल पावर प्लांट से बिजली लेता है। ऐसे में कोयले के दाम का असर इन पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली के रेट पर पड़ता है।