उत्तराखंड: दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों से वसूला जाएगा ग्रीन सेस, 30 फीसदी तक बढ़ी दरें

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उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के वाहनों से सरकार ग्रीन सेस वसूलने जा रही है। यह सैस फास्टैग के माध्यम से खुद ब खुद ही कटेगा और इसके लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है। Uttarakhand Green Cess कैबिनेट ने ग्रीन सेस की दरों में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। व्यावसायिक वाहनों से पहले से ग्रीन सेस वसूला जा रहा है। बाहरी राज्यों के निजी वाहनों के लिए 15 जून के बाद वसूली शुरू होगी। ताकि अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से प्रदेश में होने वाले प्रदूषण के एवज में कुछ चार्ज लिया जा सके। हालांकि, अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीनसेस के लिए साल 2017 में दरें तय की गई थी। जो वर्तमान महंगाई दर से काफी कम है। जिसके चलते राज्य सरकार ने साल 2017 में तय किए गए सेस में 28 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।

सरकार ने श्रेणी के आधार पर ग्रीन सैस की दरें तय कर दी हैं, जो 80 रुपये से लेकर 700 रुपये तक होंगी। यह व्यवस्था मुख्य रूप से बाहरी राज्यों के निजी और व्यवसायिक वाहनों पर लागू होगी। हालांकि राज्य के पंजीकृत वाहनों से पहले से ही यह सैस वसूला जा रहा है। 2021 में राज्य के चेकपोस्ट बंद हो जाने के बाद निजी बाहरी वाहनों से सैस की वसूली में बाधा आ रही थी। इस समस्या को हल करने के लिए अब तकनीकी समाधान अपनाया गया है। फास्टैग इंटीग्रेशन की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और इसके लिए चयनित सिस्टम इंटीग्रेटर NPCI और वाहन पोर्टल से समन्वय कर रहा है। सरकारी सूत्रों की मानें तो यह नई व्यवस्था 15 तारीख से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो सकती है और अगले एक माह में पूरी तरह लागू हो जाएगी। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि राज्य को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा।