उत्तराखण्ड: सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद कॉलेजों का होगा कायाकल्प, ऋषिकुल काॅलेज की डीपीआर तैयार

उत्तराखंड में मौजूद सौ साल पुराने दो आयुर्वेद काॅलेजों का कायाकल्प किया जाएगा। ऋषिकुल कॉलेज की केंद्र सरकार को भेजे जाने वाली डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को उत्तराखंड ने तैयार कर लिया है।

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उत्तराखंड में सौ वर्ष पुराने दो आयुर्वेद काॅलेजों की जल्द ही कायाकल्प होगी। इसमें से एक ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण का मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है। Ayurveda College Upgradation केंद्र सरकार को भेजने के लिए उत्तराखंड ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। केंद्र सरकार का रूख इस संबंध में बेहद सकारात्मक है। इसी तरह, सौ वर्ष पुराने गुरूकुल आयुर्वेद काॅलेज पर भी सरकार की नजर है। हालांकि अभी इसका विचार बेहद प्राथमिक स्तर पर है। इन स्थितियों के बीच, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं एक्सपो-2024 का देहरादून में आयोजन उत्तराखंड के पक्ष में माहौल बनाने वाला साबित हो रहा है। सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेजों के उच्चीकरण की उत्तराखंड लगातार पैरवी कर रहा है। हालांकि उत्तराखंड ने ऋषिकुल काॅलेज को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने उत्तराखंड से इसके स्थान पर उच्चीकरण का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था।

उत्तराखंड के आयुष विभाग ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर ली है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने उच्चीकरण से संबंधित डिटेल प्रोजेक्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। शासन स्तर जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाना है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके त्रिपाठी के अनुसार-केंद्र के सकारात्मक रूख को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ऋषिकुल काॅलेज का उच्चीकरण हो जाएगा। दूसरी तरफ, केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का कहना है कि उत्तराखंड के प्रस्ताव पर कार्रवाई गतिमान है और मंत्रालय का रूख सकारात्मक है। आयुर्वेद के सौ वर्ष पुराने काॅलेज पूरे देश में दर्जन भर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड में आयुष से जुड़ी हर गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार कार्य कर रही है। केंद्र सरकार का भी इस दिशा में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। ऐसे में उम्मीद हैं कि आयुष के संबंध में उत्तराखंड के जो भी प्रस्ताव है, उन पर जल्द ही मुहर लग जाएगी।