जी हां दोस्तो उत्तराखंड अवैध असलहों में नंबर वन! NCRB रिपोर्ट ने कर दिया बड़ा खुलासा। कैसे पहाड़ों में बढ़ रहा है हथियारों का जाल, क्या उत्तराखंड अब सिर्फ देवभूमि ही रह गया है, या धीरे-धीरे यह गनभूमि में बदलता जा रहा है? NCRB की हालिया रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है—एक ऐसा सच जो पहाड़ों की शांति के पीछे छिपे खौफ को सामने लाता है। Uttarakhand is number one in illegal weapons दोस्तो ये खबर चौकेने वाली है, ये खबर बता रही है कि अपनी देवभूमि कैसे गनभूमि बनती जा रही है। वैसे तो दोस्तो अपना उत्तराखंड, जो अब तक अपने प्राकृतिक सौंदर्य और तीर्थ स्थलों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब अवैध हथियार रखने के मामलों में न सिर्फ पहाड़ी राज्यों में पहले नंबर पर है, बल्कि पूरे देश में सातवें स्थान पर पहुंच चुका है, तो क्या ये आंकड़े किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं, या फिर ये कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल? दोस्तो अवैध असलहा रखने के मामले में उत्तराखंड के लोग हिमालयी राज्यों में सबसे आगे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2023 की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार (कोने में में छोटा लिख देना– NCRB की रिपोर्ट में) 1767 लोगों पर असलहा रखने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। 1184 लोग अवैध चार लोग वैध असलहों के साथ पकड़े गए। इतना ही नहीं असलहा रखने के मामले में उत्तराखंड का देश में सातवां स्थान भी है।वैध और अवैध असलहा रखने को लोग शौक समझने लगे हैं। दोस्तो आधुनिक दौर में असलहों को इंटरनेट मीडिया में वायरल करने से भी परहेज नहीं किया जा रहा है।
खासकर ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जैसे जिलों में छोटी-छोटी बातों को लेकर गोली चला दी जाती है, हालांकि इसे पुलिस की तत्परता ही कहा जाएगा कि वर्ष 2023 में 1767 लोगों के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया और 1184 अवैध व चार को वैध असलहों को बरामद किया गया। दोस्तो गौर करने वाली बात ये है कि अवैध असलहों का प्रयोग आपराधिक वारदातों के लिए हुआ हैं। असलहों से सबसे अधिक हत्याएं व जान से मारने की कोशिश हुई, इसके अलावा में आगे आपको बताने जा रहा हूं कि कैसे राज्य में हिंसक अपराध के मामले बढ़े जो एनसीआरबी की रिपोर्ट बता रही है इस भी थोड़ा गौर कीजिएगा। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हिंसक अपराध हत्या, लूट, अपहरण जैसे मामले बढ़ गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में प्रदेश में 3162 हिंसक अपराध के मामले दर्ज हुए। वर्ष 2022 में 3923 व वर्ष 2023 में 3570 मामले रिकॉर्ड हुए हैं। वर्ष 2023 में पुलिस ने मात्र 58 प्रतिशत मामलों में ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। यानी अधिकांश मामले लंबित पड़े हैं। दोस्तो इतना भर नहीं है कि इसके अलावा इस एनसीआरबी की रिपोर्ट में एक और चौकाने वाली बात ये भी देखने को मिली कि अपराध के लिहाज से अतिसंवेदनशील ऊधमसिंह नगर में टींगर का शौक सिर चढ़कर बोलता है। तराई के जंगल में कई बार पुलिस और एसटीएफ ने अवैध हथियार बनाने की फैक्टिरयां पकड़ी हैं। इसके अलावा जिले से सटे यूपी के इलाकों से यहां असलहों की खेप चोरी-छिपे पहुंच ही जाती है। अब मैं आपको वो एनसीआरबी की रिपोर्ट की वो तस्वीर दिखा रहा हूं जो बता रही हैं कि उत्तराखंड कैसे नम्बर वन है
दोस्तो अवैध असलहा रखने वालों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है। प्रदेश में गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अपराधी कोई भी हो सलाखों के पीछे रहेगा। ये बाते पुलिस की तरफ से पहले भी कहीं जाती रहती हैं और आज भी वो ही कहा जा रहा है, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े डरा देने वाले हैं, तो NCRB की ये रिपोर्ट सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। एक ऐसे राज्य के लिए जिसे अब तक शांत, सुरक्षित और संस्कारित माना जाता रहा है। उत्तराखंड अगर पहाड़ी राज्यों में अवैध हथियार रखने के मामलों में पहले स्थान पर पहुंच गया है, तो सवाल सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक संरचना और सिस्टम में कहीं हो रही चूक का भी है। दोस्तो जरूरत है वक्त रहते सजग होने की—क्योंकि अगर बंदूकें बढ़ती रहीं, तो देवभूमि की पहचान कहीं डर की धरती में न बदल जाए। फिलहाल, आंखें खुली रखने की जरूरत है, सिस्टम को भी, और समाज को भी।