देहरादून: गलत इलाज के चलते उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने प्लास्टिक सर्जन पद्मश्री डॉ. योगी ऐरन का लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। उनके बेटे डॉ. कुश ऐरन को भी काउंसिल ने चेतावनी जारी की है। डॉ. योगी ऐरन को अपना पंजीकरण भी काउंसिल में जमा कराना होगा। दरअसल, डा. ऐरन पर गढ़ी कैंट निवासी नीतू थापा ने उनके आपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। शिकायत मिलने के बाद मेडिकल काउंसिल ने एम्स ऋषिकेश की डा. मधुबनी, पीएमएचएस से डा. प्रवीण पंवार व काउंसिल से डा. अंजली नौटियाल की जांच कमेटी गठित की।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्लास्टिक सर्जरी के सही मापदंडों का इलाज में पालन न होना पाया। साथ ही डा. ऐरन के योगी के मेथड पर भी सवाल खड़े किए। इसी रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अजय खन्ना ने प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी ऐरन का लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित कर दिया। काउंसिल के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. डीडी चौधरी ने इसकी पुष्टि की है। डॉ. ऐरन पर व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार एवं नैतिकता रेगुलेशन 2002, नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के उल्लंघन करने पर उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल अधिनियम 2002 की धारा 15(1) के तहत तीन माह के लिए डॉ. ऐरन का पंजीकरण निरस्त किया गया है, तब तक वह मरीज नहीं देख सकेंगे।
वही डॉ योगी एरन का कहना है कि, नोटिस अभी मुझे नहीं मिला है। मैं पूरी काबलियत से हर मरीज का इलाज करता आ रहा हूं। जिस तकनीक से इस मरीज का ऊपर का पूरा होंठ, जो कैंसर की वजह से पूरा काटकर निकाल दिया गया था, फिर से बनाया गया है। यह तकनीक अमेरिका, अफ्रीका व बांग्लादेश में मान्य है। पता नहीं किन कारणों से सफल सर्जरी के कई साल बाद यह सवाल उठाए जा रहे हैं। जिन विशेषज्ञों द्वारा यह सब किया जा रहा है, हो सकता है उनका अनुभव व काबलियत इन देशों के सर्जनों से ज्यादा हो या मंशा कुछ और हो। मेरे द्वारा भेजी मरीज की फोटो से अंदाजा लगाया जा सकता है, कैसा इलाज हुआ है।