जी हां दोस्तो उत्तराखंड UK SSSC पेपर लीक कांड में एसआईटी ने फिर किए बड़े खुलासे, अब खालिद,और साबिया की न्यायिक हिरासत बढी है। पेपर लीक कांड में फिर खुला एक नया पन्ना, SIT की तफ्तीश ने उगले ऐसे राज, जिनसे भर्ती घोटाले की जड़ें और गहरी नजर आने लगीं। Uttarakhand paper leak case खालिद और साबिया की न्यायिक हिरासत बढ़ी, लेकिन सवाल अब भी हवा में तैर रहे हैं — क्या ये सिर्फ मोहरे हैं या असली मास्टरमाइंड अब भी परदे के पीछे है? आखिर कितने चेहरे और बेनकाब होंगे इस ‘भर्ती माफिया’ के खेल में? एक वो 21 सितंबर के UKSSSC पेपर के तीन पन्ने बाहर क्या आए। मामला आज भी सवालों के घेरे में ही है। एक तरफ सरकार ने न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया और ये आयोग अब जगह-जगह पहुंच कर अभियर्थियों शिक्षकों और अभिभावकों के साथ संवाद कर रहा है, और इस संवाद में सवालों की बाड़ जैसी आ रह है। उस पर मेने एक अलग वीडियो बनाया है। आप देखिएगा उसमें सवाल क्या हो रहे हैं, लेकिन अभी में आपको बताने के लिए आया हूं कि इस पेपर लीक कांड में कैसे एसआईटी ने बड़े और नए खुलासा किए हैं। दोस्तो उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को जिला अदालत में पेश किया गया।
दोनों आरोपियों को पेश करने के बाद एसआईटी ने अदालत से 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था, जिसे जिला अदालत ने मानते हुए दोनों आरोपियों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। दोस्तो एसआईटी ने अपना पक्ष रखा कि टीम खालिद और साबिया से जुड़े साक्ष्यों को जुटाने में लगी है। इसलिए दोनों की न्यायिक हिरासत को बढ़ाया जाए, थोड़ा गौर कीजिएगा। एसआईटी के मुताबिक, पिछले दिनों एसआईटी ने सर्च वारंट लेकर मुख्य आरोपी खालिद के हरिद्वार स्थित घर को खंगाला था। जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित किताब-कॉपियां नहीं मिली थी साथ ही वो बिना पढ़े साल 2024 से 2025 के बीच 9 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन कर चुका था। उनमें से पांच परीक्षाओं में शामिल भी नहीं हुआ. जिन परीक्षाओं में शामिल हुआ, उनमें उसके नंबर बहुत कम आए। ये सभी तथ्य जाहिर कर रहे हैं कि खालिद बहुत समय से नकल या सांठगांठ के भरोसे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने की साजिश कर रहा था। उसने नकल के लिए कब-कब और क्या प्रयास किए, एसआईटी इसी एंगल पर जांच को आगे बढ़ाएगी। उसे पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर भी लिया जा सकता है। दोस्तो इस पेपर लीक कांड में एसआईटी की टीम को खालिद का एक मोबाइल अभी तक पुलिस को नहीं मिला है, जो वह परीक्षा केंद्र में लेकर गया था।
पुलिस से भागने के दौरान उस मोबाइल को फॉर्मेट करके ट्रेन के कूड़ेदान में छोड़ दिया था। उसका दूसरा मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है, जिस पर उसने परीक्षा केंद्र से बहन साबिया को प्रश्न पत्र के तीन पन्नों के फोटो भेजे थे, लेकिन उसे भी फॉर्मेट कर दिया था. पुलिस, विशेषज्ञों के जरिए जब्त मोबाइल का डाटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है। ये डाटा मिल गया तो खालिद पिछले दो साल में किन-किन के संपर्क में था और नकल प्रकरण में क्या कोई और भी शामिल था, सब सामने आ जाएगा और जांच को दिशा मिल सकेगी। इसके अलावा दोस्तो एसपी देहात जया बलूनी के मिताबिक खालिद के घर की तलाशी में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। दोस्तो। सबसे अजीब बात ये है कि खालिद ने कुछ ऐसी परीक्षाओं के लिए भी आवेदन किया, जिनकी शैक्षणिक योग्यता वो पूरी नहीं करता था। एसआईटी अब इस बात की गहनता से जांच कर रही है कि जब खालिद किसी परीक्षा की तैयारी ही नहीं कर रहा था और न ही उसके पास अपेक्षित योग्यता थी, तो 9 परीक्षाओं के लिए आवेदन करने के पीछे उसकी क्या मंशा थी।
इन तथ्यों के सामने आने से एसआईटी अपनी जांच का दायरा और बढ़ाएगी। दोस्तो SIT की सबसे बड़ी चुनौती फिलहाल यह है कि खालिद के दो मोबाइल फोन में से एक अभी भी गायब है। जानकारी के अनुसार, परीक्षा केंद्र से लौटते समय खालिद ने उस मोबाइल को फॉर्मेट कर ट्रेन के कूड़ेदान में फेंक दिया था। दूसरे मोबाइल को जब्त कर लिया गया है, लेकिन वह भी फॉर्मेट किया हुआ है। इस जब्त मोबाइल से यह तो साबित हो गया है कि खालिद ने प्रश्न पत्र के तीन पन्नों की तस्वीरें बहन साबिया को भेजी थीं, लेकिन अब SIT इसे फॉरेंसिक तरीके से डाटा रिकवर कराने में जुटी है। यह पता चल सकता है कि खालिद किन-किन लोगों के संपर्क में था, और क्या वह किसी बड़े नकल गिरोह का हिस्सा था। दोस्तो SIT के अनुसार, खालिद की बहन साबिया ने उसे तकनीकी मदद पहुंचाई थी। अब कुछ ऐसा हो गया माला कि एक मोबाइल। जिसमें छिपे हैं कई चेहरों के राज़, एक ऐसा मास्टरमाइंड, जो खुद पढ़ाई से दूर था लेकिन सिस्टम को पढ़ चुका था। खालिद और साबिया की हिरासत भले बढ़ गई हो, लेकिन असली खेल अब शुरू हुआ है। सवाल ये नहीं कि उन्होंने नकल की, सवाल ये है — किसके इशारे पर, और किस कीमत पर? क्या SIT इस साजिश की जड़ों तक पहुंच पाएगी, या ये भी बन जाएगा एक और ‘जांच अधूरी कहानी’? अगला चैप्टर जल्द खुलेगा, बल इस मामले में क्या होता है आगे वो भी बताउंगा आपको।