शीट छेड़छाड़ के बहाने पटवारी, कनिष्ठ सहायक परीक्षाओं को पेपर लीक से जोड़ने के प्रयास को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने भ्रामक और तथ्य से परे करार दिया है। सोमवार को हुई उत्तराखंड बेरोजगार संघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में IELTS Exam के बाद ट्रांसपोर्ट के दौरान ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने संबंधी मामला उजागर किया था। इस दौरान संघ ने आशंका जताई थी कि एक नकल माफिया सिंडिकेट काम कर रहा जो ट्रांसपोर्ट के दौरान भी पेपर या ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। इस तथ्य के चलते बेरोजगार संघ ने पटवारी लेखपाल परीक्षा, कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा जैसी परीक्षाओं के पेपर की सील टूटे होने को सामान्य घटना न मानकर गंभीर मामला करार दिया था।
अब UKPSC ने उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए दावे के बरक्स अपनी प्रतिक्रिया जारी की है जिसमें कहा गया है कि आयोग द्वारा कराई गई परीक्षाओं को IELTS परीक्षा के बहाने पेपर लीक से जोड़ने के प्रयास का प्रयास भ्रामक और तथ्यों से परे है।आयोग ने स्पष्ट किया है कि उसके द्वारा जो भी परीक्षा कराई जाती हैं उसमें पूरी तरह से गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए संबंधित मुद्रक द्वारा जिस वाहन से गोपनीय सामग्री आयोग को भेजी जाती है वह वहां सीलबंद होता है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उस वाहन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाती है। इसके बाद वाहन में रखे गए सील बंद डिब्बों को संबंधित जिलों के कोषागारों में डबल लॉक में सुरक्षित रखा जाता है। नोडल अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया जाता है।
परीक्षा के दिन सीलबंद डिब्बों को संबंधित जिलों के कोषागार के डबल लॉक से निकालकर समय से एग्जाम सेंटर्स पर सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा उत्तरदायी अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाता है। इसे संबंधित परीक्षा केंद्र के प्रधानाचार्य, केंद्र पर्यवेक्षक, कक्ष निरीक्षक और आयोग प्रतिनिधि की उपस्थिति में निर्धारित समय पर उक्त गोपनीय सीलबंद डिब्बों को वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ हर एग्जाम सेंटर पर खोला जाता है। आयोग ने दावा किया है कि ऐसे हालात में प्रश्नपत्र लीक होने या उसकी गोपनीयता भंग होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। इसी आधार के सहारे आयोग ने कहा है कि 20 मार्च को प्रश्नपत्रों की गोपनीयता को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित सूचना तथ्यहीन, भ्रामक और निराधार है।