हाईकोर्ट नैनीताल ने यूपी के बाहुबली नेता पूर्व सांसद डीपी यादव सहित तीन अन्य के द्वारा गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या करने के मामले में देहरादून की सीबीआई अदालत द्वारा उन्हें आजीवन कारावास की सजा दिए जाने के खिलाफ दायर आज परनीत भाटी की अपील पर सुनवाई की।सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने हत्या में शामिल अंतिम चौथे अभियुक्त परनीत भाटी की अपील पर अपना निर्णय दिया ।
मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नही मिलने पर उन्हें रिहा करने के आदेश दिए है। खण्डपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि ट्रायल के दौरान सीबीआई इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ रही जो भी सबूत जुटाए गए थे उनमें भी विरोधाभास रहा है।
खण्डपीठ ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए उन्हें दोषमुक्त कर रिहा करने के आदेश दिए है।वहीं खण्डपीठ ने इनकी सजा को बढ़ाये जाने को लेकर दायर नीतीश भाटी की याचिका को निरस्त कर दिया है। जबकि मुख्य आरोपी डीपी यादव , लक्कड़ पाल व करन यादव पहले इस केस से दोषमुक्त हो चुके है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार 13 सितम्बर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव व पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला ने कर दी थी। 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। इस आदेश को चारों अभियुक्तों द्वारा हाई कोर्ट में अलग अलग अपील दायर कर चुनोती दी गयी थी।