विधानसभा सत्र:मंत्री विभागों के बिना ही सदन में पहुंचेंगे, 23 मार्च को शपथ ग्रहण के बाद से नहीं बंटे विभाग

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उत्तराखंड की पांचवीं निर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च को बिना महकमों के मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू होगा। राज्य सरकार ने अब तक मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे हैं। काम चलाने के लिए केवल मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय और विधायी

उत्तराखंड में बीती 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी और अन्य काबीना मंत्रियों ने शपथ ले ली थी। इसके छह दिन बीतने के  बाद भी मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे जा सके हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के चौथे दिन मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में आठ काबीना मंत्री हैं। मंत्रियों को विभाग तय करने की मशक्कत अभी पूरी नहीं हो पाई है। मंगलवार को सदन में मंत्री बैठेंगे तो सही लेकिन बिना पोर्टफोलिया के।  दूसरी तरफ, सदन के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी अपना विधायक दल नेता तय नहीं कर पाई है।

सोमवार दोपहर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने विधायकों से राय मशविरा तो किया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष चुनने का अधिकार सभी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।

विधायक सदन में मौजूद रहें : प्रेमचंद
भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक में मंगलवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान पार्टी के विधायकों को सत्र के दौरान सदन में मैजूद रहने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही नए विधायकों को सदन के नियमों के साथ  ही अन्य अहम जानकारी दी गई।

भाजपा विधानमंडल दल की बैठक  सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विधायक मंडल दल की बैठक में सदन की जानकारी देने के साथ सत्र को लेकर जानकारी दी। बैठक में भाजपा के सभी विधायक मौजूद थे।

विधानसभा सत्र को तैयार रहें अफसर
विधानसभा सत्र के लिए मुख्य सचिव एसएस संधु में संबंधित अफसरों को तैयार रहने के निर्देश दिए। संधु ने कहा कि विधायकों की ओर से सदन में उठाए जाने वाले सवालों के जवाब तैयार किए जाएं। मुख्य सचिव ने अफसरों को सभी जिलों से जुड़े संभावित सवालों की सूची सौंप दी है।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूकानून में संशोधन और हिमाचल की तर्ज पर भू कानून, महंगाई, बेरोजगारी, सिपाही 4600 ग्रेड पे, उपनल, पीआरडी, आउटसोर्स, संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और समान काम का समान वेतन से जुड़े सवाल सदन में उठ सकते हैं। इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में वर्तमान तक राहत राशि न बंटने, पहाड़ों पर गर्भवती महिलाओं की मौत(

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव, राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण, आरक्षण, पुरानी पेंशन बहाली, भोजनमाताओं का मानदेय बढ़ाने, अवैध खनन, गैरसैंण स्थायी राजधानी, नए जिलों का गठन, जंगली जानवरों से फसलों को बचाने, विभागों में खाली पदों को भरने, लोकायुक्त की नियुक्ति से जुड़े सवाल भी उठ सकते हैं।

सत्र से पहले स्पीकर ने विधानसभा में कराया यज्ञ
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने पांचवीं विधानसभा के शुभारंभ से पहले सोमवार को विधानसभा परिसर में यज्ञ कराया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन किया गया। इसमें अध्यक्ष के साथ विधानसभाकर्मियों ने भी आहूति देकर कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का संकल्प लिया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों से पहले हमेशा यज्ञ करवाती हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कर्मचारियों से कहा कि हमें विधानसभा में नए कीर्तिमान स्थापित करने हैं। उत्तराखंड विधानसभा को देश की आदर्श विधान सभा के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है।

उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से अपनी जिम्मेदारी का पालन पूरी ईमानदारी से करने की अपील की। इस अवसर पर विधानसभा के सचिव मुकेश सिंघल, अपर सचिव चंद्र मोहन गोस्वामी, संयुक्त सचिव नरेंद्र रावत, हेम गुरुरानी, अजय अ