कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और विधायक दल के उपनेता की नियुक्ति को परंपरातगत जातीय-क्षेत्रीय फार्मूले नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर किया गया है। इसे किसी दूसरे नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए धु्वीकरण, मुफ्त राशन अहम कारण रहे
धड़ेबाजी की वजह से भी नुकसान पहुंचा लेकिन धु्वीकरण और मुफ़त राशन ज्यादा असरदार कारण रहे हैं। कांग्रेस में शीर्ष पदों पर नियुक्ति और चुनावी हार की वजहों को लेकर उपजे असंतोष को थामने के लिए सोमवार को प्रदेश प्रभारी आगे आए। यादव ने कहा कि शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को क्षेत्र और जातीय चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
हाईकमान नया नेतृत्व विकसित करना चाहता है। रही बात गढ़वाल मंडल की उपेक्षा की तो ऐसा नहीं है। गढ़वाल के योग्य कार्यकर्ताओं को जल्द ही समायेाजित किया जाएगा। उन्हें भी उनकी क्षमताओं के अनुसार जिम्मेदारियां दी जाएंगी। चुनावी हार के कारण पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की नाराजगी पर प्रभारी टिप्प्णी करने से बचे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व को दी गई रिपेार्ट में गुटबाजी भी एक पहलू रखा गया है। लेकिन सांप्रदायिकता व मुफ्त राशन को भी मुख्य कारण माना गया है।