कोरोना का असर हल्का होते ही लोग वैक्सीन लगाने से किनारे करने लगे हैं। दूसरी लहर को शांत हुए जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है उसके साथ वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने वालों की संख्या भी घटती जा रही है। राज्य में 12 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने तय समय गुजरने के बाद भी कोरोना की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। जबकि तय 84 दिन का समय निकल चुका है।
इसके बाद भी लोगों ने कोविड की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। देहरादून जिले में हाल तक 14.66 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है। दूसरी डोज केवल 8.08 लाख लोगों को लगी है। जिला प्रशासन के मुताबिक हाल में जिले में छह लाख से ज्यादा लोगों की दूसरी डोज ड्यू हो गई है। यानि, उन्हें पहले डोज लगवाए हुए उतने दिन बीत गए हैं कि दूसरी डोज लगवा लेनी चाहिए थी।
इनमें अधिकांश लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज ड्यू हुए बीस दिन से ज्यादा का समय बीत गया है। ऐसे लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रशासन से त्योहारी सीजन से पहले वैक्सीन मेला अभियान चलाया। इसमें दूसरी डोज लगवाने वालों की संख्या बढ़ी, लेकिन आंकड़ा कम ही रहा।
अभियान के बाद भी ड्यू डोज वालों की संख्या बढ़ रही: वैक्सीनेशन अभियान के बाद भी कोरोना की दूसरी लगवाने वालों की ड्यू डोज की संख्या की संख्या बढ़ती जा रही है। अभियान शुरू होने पर पांच लाख से कम लोगों की दूसरी डोज ड्यू थी। जो अब छह लाख को पार कर गई है। जिस उत्साह से लोगों से वैक्सीन की पहली डोज लगवाई, उतना उत्साह दूसरी डोज लगवाने में नहीं दिखाया।
दून में दो हजार लोग ही प्रतिदिन ले रहे दूसरी डोज
वैक्सीन की दूसरी डोज जिले में हर रोज पांच चार से ज्यादा लोगों को लगवानी चाहिए। यह संख्या सामान्य दिनों में हर रोज औसतन दो हजार तक सीमट जा रही है। जिला प्रशासन के वैक्सीन अभियान में तो औसतन हर रोज छह हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई गई। जिले में 18 अक्तूबर से एक नवंबर तक वैक्सीन अभियान चला। इस दौरान कुल 81 हजार लोगों को वैक्सीन लगी।